बर्लिन । भारत और जर्मनी ने स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी हिंद-प्रशांत के महत्व पर जोर दिया और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप निर्बाध वाणिज्य एवं नौवहन की स्वतंत्रता को रेखांकित किया। पीएम नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज द्वारा अंतर-सरकारी परामर्श के छठे दौर की सह-अध्यक्षता के बाद दोनों देशों की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में ये बातें कही गई हैं। पीएम मोदी के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान अपनी टिप्पणी में, शोल्ज ने हिंद-प्रशांत को सबसे गतिशील वैश्विक क्षेत्रों में से एक कहा, जहां कई संघर्ष और चुनौतियां भी हैं। बयान में कहा गया है, कि मोदी और शोल्ज ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की,इसमें आतंकवादियों का छद्म इस्तेमाल और सीमा-पार से आतंकवाद भी शामिल हैं।
उन्होंने सभी देशों से आतंकवादियों के पनाहगाहों और बुनियादी ढांचे को खत्म करने, आतंकवादी नेटवर्क को बाधित करने और अंतरराष्ट्रीय कानून सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार वित्तपोषण को अवरूद्ध करने का आह्वान किया। दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा प्रतिबंधित समूहों सहित सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, छठा भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श सार्थक रहा। चांसलर शोल्ज और मैंने दोनों देशों के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ सतत विकास, आर्थिक विकास एवं अन्य क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर विचार विमर्श किया। मोदी और शोल्ज ने कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।
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भारत और जर्मनी ने स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी हिंद-प्रशांत के महत्व पर जोर दिया