जयपुर । भाजपा द्वारा अलवर में आयोजित 'हुंकार रैली' में पार्टी नेताओं ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर सांप्रदायिक हिंसा, मंदिर विध्वंस, किसानों की कर्जमाफी, कानून- व्यवस्था, बिजली कटौती, बेरोजगारी भत्ता, लंबित भर्तियां आदि सहित कई मुद्दों पर हमला बोला। अलवर जिले के 11 विधानसभा क्षेत्रों से भारी भीड़ ने रैली में भाग लिया, जिसने हाल ही में करौली और जोधपुर में सांप्रदायिक हिंसा के मामलों के साथ-साथ राजगढ़ में मंदिर विध्वंस के खिलाफ आवाज उठाई। रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बेदखल होगी।
पूनिया ने कहा, "कांग्रेस को हटाने की मांग करने वाले नारों की आवाज दिल्ली तक पहुंच चुकी है, जिससे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दिल की धड़कन बढ़ गई है। पूनिया ने कहा, सरकार कैसे चलाई जाती है, यह जानने के लिए युद्धग्रस्त यूक्रेन में हमारे छात्रों के अनुभव का उदाहरण लें। यूक्रेन से लौटने पर एक छात्र ने कहा कि फायरिंग बंद हो गई, उन्होंने उनके साथ तिरंगा देखा। यह हमारा सौभाग्य है कि नरेंद्र मोदी की सरकार केंद्र में है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर हमला कर कहा, "2018 में जब से कांग्रेस राज्य में सत्ता में आई है, लोग जाति, धर्म और राजनीति के नाम पर बंटे हुए हैं। राजस्थान सबसे शांतिपूर्ण राज्य था, लेकिन अब स्थिति बदल रही है.. राज्य की छवि खराब हुई है।"
पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कोटा में पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) की रैली की अनुमति देने लेकिन राम नवमी और हिंदू नव वर्ष पर जुलूसों पर प्रतिबंध लगाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "करौली और जोधपुर में हिंदुओं पर हमले हुए, जबकि पीएफआई राज्य में अपना आधार फैला रही है.. इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के संरक्षण के कारण अलवर अपराधियों का गढ़ बना हुआ है, इसकारण भाजपा ने यहां से अपनी हुंकार रैली शुरू की है। रैली को संबोधित कर अलवर सांसद बालकनाथ ने कह, यह एक मुगल सरकार है जिसे हमें उखाड़ना है। कांग्रेस के डीएनए में मुगल लक्षण हैं, सनातन धर्म नहीं। उन्होंने कहा, "राजस्थान की संस्कृति सद्भाव और प्रेम की है, फिर भी हम सरकार के कार्यों से अपमानित हैं।"
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अलवर में भाजपा की हुंकार रैली, बड़ी संख्या में उमड़ी भीड़