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आयुर्वेद के बारे में विकिपीडिया पर प्रकाशित एक लेख को मानहानिकारक और अपमानजनक बताया  -सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

आयुर्वेद के बारे में विकिपीडिया पर प्रकाशित एक लेख को मानहानिकारक और अपमानजनक बताया  -सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

नई दिल्ली । आयुर्वेद के बारे में विकिपीडिया पर प्रकाशित एक लेख को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। विकिमीडिया फाउंडेशन को उनकी वेबसाइट पर प्रकाशित आयुर्वेदिक लेखों से संदर्भ हटाने के संदर्भ में आयुष मंत्रालय और आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय को आदेश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित शिकायत (पीआईएल) दायर की गई है। जनहित याचिका में प्रतिवादी आयुष मंत्रालय से याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत 2 अक्टूबर, 2021 के बयान की समीक्षा करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। याचिकाकर्ता, आयुर्वेदिक मेडिसिन मैन्युफैक्चरर्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एएमएमओआई), त्रावणकोर-कोचिन साहित्यिक, वैज्ञानिक और धर्मार्थ सोसायटी अधिनियम, 1955 के तहत पंजीकृत एक एसोसिएशन है, जिसकी स्थापना आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माताओं की आम समस्याओं के समाधान खोजने के लिए की गई थी। एसोसिएशन को त्रिचूर, केरल में पंजीकृत किया गया था।
याचिकाकर्ताओं के संगठन में श्वेता गर्ग, रॉबिन राजू, दीपा जोसेफ और ब्लेसन मैथ्यूज द्वारा दायर अपनी याचिका के माध्यम से आयुर्वेद के बारे में विकिपीडिया पर प्रकाशित एक लेख को मानहानिकारक और अपमानजनक बताया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि एक अलग मंत्रालय का गठन इस प्राचीन दवा की स्वीकृति है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता इस बात से चिंतित है कि विकिपीडिया पर प्रकाशित लेख की दूसरी पंक्ति, जिसे रेस्पोंडेंट्स विकिमीडिया फाउंडेशन द्वारा होस्ट किया गया है, आयुर्वेद को छद्म वैज्ञानिकी बताया गया है। याचिका में कहा गया है, ‘चिंता की बात यह है कि यह पूरी तरह से बेतुका, खराब शोध और पूर्वाग्रह से ग्रसित लेख जब आयुर्वेद को गूगल पर खोजा जाता है तो वह पहले लेख के रूप में सामने आता है।’
 

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