अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत में इटली नौसैनिक मामले में सुनवाई शुरू हो गई है। इटली ने अदालत से भारत को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वह अपने मछुआरों की हत्या के आरोपी इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ आपराधिक अभियोग रद्द कर दे और मामले की सुनवाई इटली को सौंप दे। इतालवी नौसैनिकों पर 2012 में केरल के तट पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप है। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत में इटली के प्रतिनिधि फ्रांसिस्को अजारेलो ने कहा कि इस मामले की सुनवाई रोम (इटली) में होनी चाहिए क्योंकि नौसैनिक मैसिमिलानो लातोरे और सेल्वातोर गिरोने इटली के अधिकारी थे और अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में इटली के जहाज पर अपनी ड्यूटी कर रहे थे।
फ्रांसिस्को ने अदालत को बताया भारत पहले ही नौसैनिकों को दोषी मानता है। इतालवी मीडिया की खबरों के मुताबिक फ्रांसिस्को ने अदालत को बताया भारत की नजर में बेगुनाही को लेकर धारणा नहीं है। आरोप तय होने से पहले ही नौसैनिकों को दोषी ठहरा दिया गया। इसके जवाब में भारत के प्रतिनिधि जी बालासुब्रमण्यम ने अदालत को बताया कि इटली का कहना है कि उसके पास इस मामले में विशेष अधिकार क्षेत्र है, लेकिन इस तथ्य को ध्यान में रखना होगा कि मामले में भारत और दो मछुआरे पीड़ित हैं। बालासुब्रमण्यम ने कहा कि एक भारतीय नाव पर सवार दो मछुआरों को उन लोगों ने मार डाला जो एक व्यापारिक जहाज पर थे। फिलहाल दोनों आरोपी नौसैनिक इटली में हैं।
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इटैलियन नौसैनिकों पर रद्द हो मछुआरों की हत्या का केस, अदालत भारत को दे निर्देश -इटली ने अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता कोर्ट से किया अनुरोध