मुंबई । दैनिक उपयोग के उत्पाद बनाने वाली कंपनियां चिप्स, बिस्किट, नमकीन के पैकेट का वजन घटाकर आपकी जेब हल्की कर रही हैं। महंगाई में उछाल के बाद बढ़ी लागत की भरपाई के लिए एफएमसीजी कंपनियों का यह तरीका पहले भी अपनाती रही हैं। बिस्किट से जड़ी कंपनियों के अलावा ज्यादातर कंपनियां पैकेटों का आकार भी वैसा ही रखती हैं पर मात्रा उसमें मात्रा कम कर देती हैं। पारले-जी बिस्किट, बीकाजी नमकीन और कोलगेट टूथपेस्ट ऐसे ढेरों प्रोडक्ट हैं, जिनकी कीमत 1 रुपए नी नहीं बढ़ी लेकिन फिर भी ये महंगे हो गए हैं। पांच रुपए वाले जैसे पारले बिस्किट का वजन 64 ग्राम से घटकर 55 ग्राम हो गया है। इसी तरह कोलगेट के टूथपेस्ट 10 रुपए वाले पैकेट का वजन 25 ग्राम से घटाकर 18 ग्राम कर दिया गया है। कैडबरी सेलिब्रेशन पहले 100 रुपए में 150 ग्राम चॉकलेट का पैकेट देता था। जो अब घटकर 100 ग्राम हो गया है। इतना ही नहीं, पहले 30 रुपए के पैकेट में 10 सेनेटरी पैड आते थे, जिन्हें अब घटाकर 7 कर दिया है। बीकाजी कंपनी पहले 10 रुपए में 80 ग्राम नमकीन देती थी जिसे अब घटाकर आधा यानी 40 ग्राम कर दिया गया है। दरअसल खाद्य उत्पाद के दाम बढ़ने से कंज्यूमर उत्पाद बनाने वाली कंपनियों की लागत बढ़ी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बीते एक साल में अधिकांश कमोडिटी की कीमतों में बड़ा उछाल आया है लेकिन मात्रा कम कर उपभोक्ताओं को भ्रम में रख कंपनियां दाम तो नहीं बढ़ा रही हैं पर मात्रा कम कर रही हैं। चिप्स, बिस्किट और नमकीन के छोटे पैकेट का बाजार ज्यादा बड़ा है। इसमें पांच रुपए और 10 रुपए के पैकेट का एक अलग उपभोक्ता वर्ग है, जिसकी संख्या अधिक है। ऐसे में इस श्रेणी दाम बढ़ाने का जोखिम कोई भी कंपनी नहीं लेना चाहती है।
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पैकेट का वजन घटाकर आपकी जेब हल्की कर रहीं कंपनियां