नई दिल्ली । अमरनाथ यात्रा को लेकर सरकार ने कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं। अर्धसैनिक बलों के कम से कम 12हजार जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस के सैकड़ों कर्मी ड्रोन कैमरों की मदद से अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अमरनाथ यात्रा 30जून से शुरू हो रही है। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते यात्रा का आयोजन दो वर्ष बाद किया जा रहा है। केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दक्षिण कश्मीर में 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा तक की यात्रा के लिए शुक्रवार को सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा की। यह यात्रा वर्ष 2021 और 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण नहीं हो सकी थी। वहीं, वर्ष 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने से पूर्व इस यात्रा को तय समय से पहले खत्म कर दिया गया था। जम्मू कश्मीर में हाल में निशाना बनाकर लोगों को हत्याओं की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है,जिसे देखते हुए अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा सरकार के लिए काफी अहम है।
अधिकारियों ने बताया कि गृह सचिव ने अर्धसैनिक बलों और जम्मू कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि पहलगाम और बालटाल यात्रा मार्गों में जम्मू कश्मीर पुलिस के अलावा अर्ध सैनिक बलों के 12,000 जवानों(120 कंपनी) को तैनात किए जाने की संभावना है। अधिकारियों के अनुसार श्रद्धालुओं की सुरक्षा में सुरक्षा बलों की मदद के वास्ते ड्रोन कैमरों के जरिए पूरे यात्रा मार्ग पर नजर रखी जाएगी। इस यात्रा में तीन लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। अमरनाथ यात्रा 11अगस्त को समाप्त होगी। श्रद्धालुओं को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन (आरएफआईडी) टैग भी दिए जाएंगे। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक कुलदीप सिंह और सीमा सुक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक पंकज सिंह और अन्य अधिकारी व्यक्तिगत रूप से बैठक में शामिल हुए वहीं जम्मू कश्मीर के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसमें हिस्सा लिया।
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12 हजार अर्धसैनिक बल और जम्मू कश्मीर पुलिस संभालेगी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा का जिम्मा