भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को एनपीए को छुपाने की कोशिश में कई नियमों का उल्लंघन करना पाया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वार्षिक इनसेप्शन रिपोर्ट में कहा गया है कि एसबीआई उन कई बैंकों में शामिल है, जिन्हें 2012 से 2015 तक धनशोधन रोधी नियमों का उल्लंघन करते, ऋणों को सदाबहार बनाने में संलिप्त, आंकड़े दबाते और केवाईसी को दरकिनार करते पाया गया है। आरबीआई की यह रिपोर्ट सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता गिरीश मित्तल को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर प्राप्त हुई है। केंद्रीय बैंक ने कई बार रपट देने से इंकार कर दिया और इसके लिए बैंकों के साथ अपने भरोसे के रिश्ते को कारण बताया। बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 की धारा 35 के तहत आरबीआई को सभी वाणिज्यिक बैंकों का वार्षिक निरीक्षण करने का अधिकार है।