नई दिल्ली । एक के बाद एक चुनावी हार से सिमटती जा रही कांग्रेस पार्टी राजस्थान में तीन दिन का चिंतन शिविर कर रही है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के लगभग सभी बड़े नेता इस चिंतन शिविर में हिस्सा ले रहे हैं। तीन दिन के चिंतन शिविर के जरिए जहां एक तरफ कांग्रेस सभी रूठों को मनाने और आपसी मतभेद खत्म करने की कोशिश कर रही है, वहीं कुछ नेता अब भी पार्टी से नाराज हैं। गुजरात के युवा कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल बुलावे के बावजूद चिंतन शिविर में नहीं पहुंचे हैं। उनके अलावा जी-23 में शामिल कपिल सिब्बल भी चिंतन शिविर में नहीं आए हैं। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने 430 प्रतिनिधियों को चिंतन शिविर में आने का न्यौता दिया था जिसमें हार्दिक पटेल का भी नाम शामिल था लेकिन हार्दिक पटेल चिंतन शिविर में नहीं पहुंचे हैं। हालांकि पार्टी में लंबे समय से उपेक्षित चल रहे जनार्दन द्विवेदी जरूर पार्टी के बुलावे पर चिंतन शिविर में आए हैं। जानकारी के मुताबिक तीन दिन तक चलने वाले चिंतन शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर कोई चर्चा नहीं होगी बल्कि चर्चा का मुद्दा सिर्फ बीजेपी को रोकने और 2024 लोकसभा चुनाव से जुड़ा होगा। गौरतलब है कि पिछले दिनों गुजरात दौरे पर राहुल गांधी से ना मिल पाने को लेकर हार्दिक पटेल ने कहा था कि राहुल को पांच घंटे के भीतर कई नेताओं से मिलना था। उन्होंने ये भी कहा था कि 15 दिन पहले राहुल गांधी ने उन्हें संदेश भेजा था कि वक्त मिलते ही वो उनसे बात करेंगे। हार्दिक पटेल के चिंतन शिविर में हिस्सा ना लेने को लेकर राजनीतिक गलियारों में उनके बीजेपी में शामिल होने की चर्चा शुरू हो गई है। पिछले दिनों गुजरात सरकार ने हार्दिक पटेल के खिलाफ केस वापस लेने का फैसला किया था।
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हार्दिक का चिंतन बढ़ाएगा कांग्रेस की टेंशन! कहा- राहुल से मिलकर ही लूंगा अंतिम फैसला