नई दिल्ली । कवि कुमार विश्वास अपनी व्यंगात्मक शैली के जरिए एक तीर से दो निशाने साधे। कुमार ने एक खबर पर ऐसे प्रक्रिया दी कि समझने वाले समझ गए कि कुमार का इशारा किस तरह है। रविवार को झारखंड की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल से जुड़े भ्रष्टाचार मामले को लेकर एक ट्वीट किया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल से प्रवर्तन निदेशालय ने रांची के जोनल ऑफिस में पूछताछ की। झामुमो ने केजरीवाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए निष्कासित कर दिया था। ट्वीट में आम लोगों के लिए कुछ खास नहीं था लेकिन लेकिन वो कहते हैं ना कि जहां ना पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि... बस ऐसा ही कुछ इस ट्वीट के साथ भी हुआ। कुमार ने इस खबर में अपने मतलब की चीज पकड़ ली वो थी केजरीवाल। कुमार ने बिना किसी का नाम लिखे सिर्फ इतना लिखा एक और...? फिर क्या था, कुमार के ट्वीट पर कमेंट की बाढ़ सी आ गई। एक यूजर ने लिखा- इस नाम में ही कुछ लोचा है सर, जहां भी हो कुछ ना कछ रायता फैल ही जाता है। एक और यूजर ने लिखा- आप इसलिए हंस रहे हैं ना क्योंकि उसके सरनेम में केजरीवाल लिखा है, ये सच है ना? इस बीच उनके खिलाफ भी कुछ लोग कमेंट करने लगे। एक यूजर ने लिखा तुम्हें राज्यसभा की सीट दे देते तो सब ठीक रहता ना? बहरहाल ये तो होता ही है। सोशल मीडिया की दुनिया ही ऐसी है जहां मामला कोई भी हो, पक्ष-विपक्ष के अलावा समर्थक और विरोधी दोनों एक साथ मिल जाते हैं।
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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल का नाम देख कूद पड़े कविराज कुमार विश्वास