चंडीगढ़ । पंजाब के किसान गेहूं खरीद पर बोनस और 10 जून से धान की बुवाई शुरू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद चंडीगढ़-मोहाली सीमा के निकट धरने पर बैठ गए हैं। यूनियन के नेताओं ने दावा किया कि पूरे पंजाब में पुलिस ने बैरिकेड्स लगा रखे थे और किसानों को चंडीगढ़ में पक्के धरने के लिए मार्च स्थल पर पहुंचने से रोक दिया गया। नतीजतन, कुछ किसान मोहाली के अम्ब साहिब गुरुद्वारे तक पहुंचने में कामयाब रहे- जहां से उन्हें चंडीगढ़ जाना था। कई किसान संगठनों के अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बडी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। मोहाली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए अवरोधक लगाने के साथ-साथ पानी की बौछार करने के लिए वाहन तैनात किए हैं। चंडीगढ़ पुलिस ने भी इसी तरह के सुरक्षा इंतजाम किए हैं। अपनी विभिन्न मांगों में किसान प्रति क्विंटल गेहूं पर 500 रुपये का बोनस चाहते हैं क्योंकि गर्मी के कारण उनकी उपज घट गई है और गेहूं के दाने सिकुड़ गए हैं। वे बिजली के बोझ को कम करने और भूमिगत जल के संरक्षण के लिए 18 जून से धान की बुवाई की अनुमति देने के पंजाब सरकार के फैसले के भी खिलाफ हैं। हालांकि, प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार उन्हें 10 जून से धान की बुवाई की अनुमति दे। वे मक्का और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए अधिसूचना भी जारी करवाना चाहते हैं। वे राज्य सरकार से बिजली लोड को बढ़ाने पर लगने वाले शुल्कर को 4,800 रुपये से घटाकर 1,200 रुपये करने और बकाया गन्ना भुगतान जारी करने की भी मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का भी विरोध कर रहे हैं। राशन, बिस्तर, पंखे, कूलर, बर्तन, रसोई गैस सिलेंडर और अन्य सामान लेकर पंजाब भर के किसान मोहाली के गुरुद्वारा अंब साहिब में एकत्रित हुए। किसानों ने कहा कि उन्हें पंजाब सरकार की ओर से बैठक के लिए संदेश मिला है, लेकिन वे मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलना चाहते हैं और कहा कि उन्हें किसी सरकारी अधिकारी से मिल कर अपने मुद्दों के समाधान की उम्मीद नहीं है। ऐसी सूचना है कि मान दिल्ली गए हैं।
भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि हम इस प्रदर्शन को जीतेंगे। एक अन्य किसान नेता ने कहा कि वे राज्य सरकार के साथ कोई टकराव नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे अवरोधकों को तोड़कर चंडीगढ़ की ओर बढ़ेंगे। मोहाली पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद मोहाली में किसान सड़क के बीचो-बीच अपने वाहन खड़े कर वहीं रुक गए। उनमें से कुछ ने वहां चाय बनाना भी शुरू कर दिया। पुलिस को वाईपीएस चौक के पास चंडीगढ़-मोहाली रोड पर यातायात को वैकल्पिक रास्तों पर मोड़ना पड़ा। आप की पंजाब इकाई के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और वह उनकी वास्तविक मांगों को पूरा करेगी। इससे पहले दिन में पुलिस उप महानिरीक्षक गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने किसान नेताओं से मुलाकात की थी।
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पंजाब में फिर शुरू हुआ किसान आंदोलन, इस बार 'आप' सरकार से टकराव - चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठे; राजधानी में घुसने से रोका