नई दिल्ली । सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद पूरे पंजाब में तनाव है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि, करीब 20 दिन पहले भी उन्होंने यही ऐलान किया था, जब मोहाली स्थित पुलिस कार्यालय पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) अटैक हुआ था। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री रहे विजय सिंगला मामले में भी वह इसी तेवर में नजर आए। पंजाब में सत्ता हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी को राज्य में अभी लगभग ढाई महीने का ही वक्त हुआ है, लेकिन सरकार कई बड़े मुद्दों में घिरती नजर आई है। जवाहर के गांव में पंजाब के लोकप्रिय गायक मूसेवाला की गोलियों भूनकर हत्या कर दी गई। पुलिस प्रमुख वीरेश कुमार भावरा के अनुसार, यह गैंग वॉर का नतीजा है। इस हाई-प्रोफाइल हत्या के साथ ही पंजाब में कानून और व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष ने आप सरकार के खिलाफ विरोध के सुर बुलंद कर दिए हैं। यहां तक की राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग की जा रही है। इससे पहले मोहाली में पुलिस के इंटेलीजेंस हेडक्वार्टर्स पर हुए हमले के बाद भी इसी तरह के प्रश्न सामने आए थे। पुलिस जांच में गैंगस्टर्स, आतंकी तत्व और सीमा पार बलों के बीच मजबूत होते तारों की ओर इशारा किया गया था। खास बात है कि जो राज्य करीब एक दशक का समय आतंक के साय में बिता चुके हैं, वहां इस तरह की एक के बाद एक घटनाओं पर चिंता बढ़ना लाजमी है। इन हिंसक घटनाओं के बीच आप सरकार अपने ही मंत्रियों के कारण विवादों में घिरी। राज्य में स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका निभा रहे विजय सिंगला का नाम 'शुकराना' या भ्रष्टाचार मामले में सामने आया। हालांकि, सीएम मान मे इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए सिंगला को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। वहीं, कुछ समय बाद उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था। लेकिन इसे लेकर भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवार की कार्रवाई को 'मगरमच्छ के आंसू' बताया था।
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भगवंत मान को चैन कहां भ्रष्ट मंत्री और खालिस्तान से नहीं उबरे, अब सिंगर की मौत ने घेरा