वॉशिंगटन । दुनिया अभी कोरोना के दंश से उबरी भी नहीं है और अब मंकीपॉक्स संक्रमण के मामलों के कई देशों में बढ़ने ने चिंता बढ़ा दी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि गुरुवार तक आए आंकड़ों के मुताबिक 23 देशों में 257 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं 120 संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट सामने आई है। ये सभी वह देश हैं जहां मंकीपॉक्स आम तौर पर नहीं पाया जाता। अमेरिका में रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने शुक्रवार दोपहर तक आठ राज्यों में 12 मामले दर्ज किए।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पांच अफ्रीकी देशों में जहां मंकीपॉक्स आमतौर पर पाया जाता है वहां 1365 मामलों और 69 मौतों की रिपोर्ट मिली है। दिसंबर से लेकर मई के बीच अलग-अलग समय में ये मामले मिले हैं। वहीं 23 देशों में मंकीपॉक्स से अभी तक कोई मौत नहीं हुई है। रविवार को डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 2017 के बाद से पश्चिम अफ्रीका में मंकीपॉक्स से पीड़ित लोगों की कुछ मौतें कम उम्र या एचआईवी संक्रमण के कारण हुई हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कहा कि वैश्विक रूप से महामारी के जोखिम का स्तर मध्यम है। एजेंसी ने आगे बताया कि यह पहली बार है जब मंकीपॉक्स के मामले व्यापक रूप से असमान भौगोलिक क्षेत्रों जैसे पश्चिम या मध्य अफ्रीका में फैले हैं। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने इस बात को लेकर आगाह किया है कि अगर वायरस खुद को मानव रोगजनक बना लेता है और कमजोर इम्यून वालों को संक्रमित करता है तो सार्वजनिक जोखिम का स्तर बढ़ सकता है। हालांकि अभी तक मंकीपॉक्स के मामले समलैंगिकों में ज्यादा मिले हैं। डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में समलैंगिक पुरुषों को सावधान रहने की सलाह दी थी। रविवार को डब्ल्यूएचओ ने कहा कि प्रभावित लोगों और समुदायों पर किसी भी तरह का आरोप न लगे इसके लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। मंकीपॉक्स हालांकि शारीरिक संबंध बनाने से फैलने वाला वायरस नहीं है। लेकिन अगर किसी के शरीर पर मंकीपॉक्स के चकत्ते हैं तो ये दूसरे व्यक्ति के शरीर पर आ सकते हैं।
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सावधान! मंकीपॉक्स का संक्रमण दुनिया में बढ़ा, 23 देशों में 257 मामले, डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी