मध्य-पूर्व में ईरान और शिया आंदोलन के बढ़ते प्रभाव ने अमेरिका को लेबनान के दो सांसदों पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर कर दिया है। अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने लेबनान की संसद के दो हिजबुल्ला सदस्यों को पहली बार प्रतिबंधों की काली सूची में डाला है। इस सूची में शिया आंदोलन के महासचिव हसन नसरुल्ला के करीबी अधिकारी वाफिक सफा को भी डाला गया है। लेबनान के ईरान समर्थित इस शक्तिशाली शिया समूह पर वैश्विक दबाव बढ़ाने की कवायद के तौर पर अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है। मंत्रालय ने लेबनान के सांसद अमीन शेरी और मुहम्मद हसन राड को आतंकवाद से संबंधित काली सूची में डालते हुए कहा कि हिजबुल्ला ने हिंसक गतिविधियों के लिए अपनी संसदीय ताकत का गलत इस्तेमाल किया है। शिया आंदोलन के महासचिव हसन नसरुल्ला के करीबी एक शीर्ष हिजबुल्ला अधिकारी वाफिक सफा को भी अमेरिका ने काली सूची में डालने का फैसला लिया है। इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा, 'हिजबुल्ला की राजनीतिक और सैन्य शाखाओं के बीच का अन्तर बनावटी है। हम अपने सहयोगियों और साझेदारों से हिजबुल्ला को पूरी तरह से एक आतंकवादी संगठन घोषित करने का आव्हान करते हैं।