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 भारतीय मुसलमान के हमदर्द बन रहे शहबाज को नहीं दिख रहा पाक में अहमदिया और हजारा का दर्द

 भारतीय मुसलमान के हमदर्द बन रहे शहबाज को नहीं दिख रहा पाक में अहमदिया और हजारा का दर्द

इस्लामाबाद । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारतीय मुसलमानों के हमदर्द बन रहे है। उन्होंने दावा किया है कि भारत में मुसलमानों को दबाया जा रहा है। शहबाज शरीफ ने ट्वीट में लिखा कि भारत ने भारतीय मुसलमानों को अपने अधीन करने के लिए क्रूर और दमनकारी तंत्र को खोल दिया है। उन्होंने दावा किया कि भारत की पूरी योजना मुसलमानों को राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से हाशिए पर डालने की है। भारत के खिलाफ इतना जहर उगलने वाले पाकिस्तान के नए-नवेले प्रधानमंत्री को अपने देश में अल्पसंख्यक मुसलमानों का दर्द बिलकुल नहीं दिखाई दे रहा। यही कारण है कि मुसलमान होने के बावजूद अहमदिया और हजारा मुस्लिम पाकिस्तान में दोयम दर्जे के नागरिक के रूप में जीवन जी रहे हैं। अहमदिया लोग पैगंबर मोहम्मद को इस्लाम का अंतिम पैगंबर नहीं मानते। यही कारण है कि रूढ़िवादी मुसलमान और पाकिस्तान सरकार इन्हें मुसलमान होने का दर्जा नहीं देती है। पाकिस्तान का दावा है कि अहमदिया मुसलमान इस्लाम धर्म के मानने वालों को 'गुमराह' कर रहे हैं। और एक इस्लामिक देश में 'गैर इस्लामिक कृत्य' पर अंकुश नहीं लगाया गया तो इस्लाम धर्म पर विपरीत असर पड़ेगा।
पाकिस्तान में हर साल सैकड़ों अहमदिया मुसलमानों की हत्या इसलिए कर दी जाती है क्योंकि कट्टरपंथियों को लगता है कि वे काफिर है। नवंबर 2020 में इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया था कि पाकिस्तान में 1984 से 2019 के बीच, 265 अहमदी मारे गए और 393 पर हमला किया गया। इस दौरान अहमदियों के आम कब्रिस्तान में दफनाने से इनकार करने के 70 मामले सामने आए थे। 39 घटनाओं में तो दफन किए गए अहमदियों के शवों को कब्र से निकाल दिया गया था। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अहमदी मुसलमानों को कानून के जरिए भी प्रताड़ित किया जाता है। 1984 से 2019 के बीच पाकिस्तान में अहमदी मुसलमानों के खिलाफ धार्मिक आधार पर 765 केस दर्ज किए गए थे। इनमें से अधिकतर मामले कलमा को प्रदर्शित करने से जुड़े हुए थे। 38 मामलों में तो अजान के लिए अहमदी मुसलमानों को सलाखों के पीछे डाला गया था। 453 को मुसलमानों के रूप में खुद को बताने के लिए गिरफ्तार किया गया था। 161 को इस्लामिक विशेषणों का इस्तेमाल करने के लिए पकड़ा गया था। इसके अलावा 315 अहमदियों को ईशनिंदा कानून के तहत आरोपित किया गया था।
पाकिस्तान में सुन्नी मुसलमान बहुसंख्यक हैं, जो हजारा जैसे अपने ही धर्म के अल्पसंख्यकों का विरोध करते हैं। पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान में भी तालिबान के शासन में हजारा समुदाय के ऊपर बहुत से जुर्म हुए हैं। तालिबान के आतंकी हजारा समुदाय के लोगों को न केवल गोली मार देते हैं, बल्कि इनके समुदाय की महिलाओं के साथ भी बुरा सलूक करते हैं। हजारा समुदाय के लोग शिया मुसलमान होते हैं। माना जाता है कि हजारा 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में फारस में सफवी राजवंश के समय में शिया धर्म में परिवर्तित हो गए थे। 
 

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