नई दिल्ली । सरकार ने स्विगी और जोमैटो जैसी ई-कॉमर्स फूड बिजनस ऑपरेटर (एफबीओ) कंपनियों पर सख्त रुख दिखाया है। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने उन्हें ग्राहकों की शिकायतों का जल्दी निपटारा करने के लिए 15 दिनों के भीतर प्रस्ताव प्रस्तुत करें। इसके अलावा यह भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने मौजूदा काम-काज के ढांचे में सुधार करें। उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रमुख ई-कॉमर्स फूड बिजनस ऑपरेटर के साथ बैठक के दौरान इस बात के निर्देश दिए गए। गौरतलब है कि पिछले 12 महीनों के दौरान, ई-कॉमर्स एफबीओ के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर स्विगी के खिलाफ 3631 से अधिक और जोमैटो के खिलाफ 2,828 शिकायतें दर्ज की गई हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार बैठक के दौरान नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने ई-कॉमर्स एफबीओ द्वारा रेस्तरां के साथ ग्राहक की जानकारी साझा नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया, जो उपभोक्ता की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने की उनकी क्षमता को प्रभावित करता है। इसके अलावा प्रत्येक ऑर्डर पर ऑनलाइन एफबीओ द्वारा लगभग 20 फीसदी का कमीशन भी लिया जाता है। उपभोक्ता विभाग ने ई-कॉमर्स एफबीओ को यह निर्देश भी दिया गया था कि वे उपभोक्ताओं को ऑर्डर की राशि में शामिल सभी चार्ज पारदर्शी रूप से दिखाएं।
फूड एग्रीगेटर कंपनियों के खिलाफ डिलिवरी में देरी, खुली पैकिंग, गलत चीज भेजने, निर्धारित कीमत से अधिक वसूली, गिफ्ट देने की वादाखिलाफी और भुगतान संबंधी शिकायतें मिली हैं। मंत्रालय ने इन कंपनियों से ग्राहकों की शिकायतों को निपटाने से संबंधित अपनी व्यवस्था को 15 दिन के भीतर दुरुस्त करने को कहा है। जानकारों की मानें तो इस बैठक में इन कंपनियों को उनके खिलाफ दर्ज कराई गई हजारों की शिकायतों का पुलिंदा भी दिखाया गया।
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ग्राहकों की शिकायतों का जल्दी से जल्द से जल्द निपटारा करें स्विगी और जोमैटो -उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एफबीओ कंपनियों को दिया निर्देश