नई दिल्ली । दिल्ली में कोरोना संक्रमण एक बार फिर से पांव पसारना लगा है। पिछले एक हफ्ते में संक्रमण दर बढ़ने के साथ अस्पतालों में भर्ती हुए मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। दिल्ली में पिछले 13 दिनों में कोविड के 34 नए मरीज भर्ती हुए हैं। जबकि, नौ दिनों में वेंटिलेटर पर भी मरीजों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है। फिलहाल, दिल्ली के अस्पतालों में 12 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। हालांकि, अभी हालात ज्यादा बिगड़े नहीं हैं। दिल्ली में कोविड अस्पतालों में 98 फीसदी बेड खाली हैं। वहीं, कोविड हेल्थ सेंटर में एक भी मरीज भर्ती नहीं हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के कोरोना पोर्टल के मुताबिक, सोमवार सुबह 10 बजे तक दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में सामान्य बेड पर कोरोना संक्रमित और संदिग्ध कुल 115 मरीज भर्ती हैं। वहीं, ऑक्सिजन बेड पर 106 मरीज, आईसीयू में 40 और वेंटिलेटर पर 12 मरीज भर्ती हैं। दिल्ली में इस समय कुल कोविड पॉजिटिव केस की संख्या 2442 है।
जीटीबी अस्पताल के एमडी डॉ सुभाष गिरी का कहना है कि इस बार अगर कोविड की लहर आई, तो बहुत हल्की होगी। 10 से 15 दिन तक ही लहर का असर होगा। लगता नहीं है कि ज्यादा मरीज अस्पताल में भर्ती होंगे। अगर कोई मरीज अस्पताल में भर्ती होता है, तो इसकी वजह सिर्फ कोविड नहीं होगी। दूसरे बीमारी होने की वजह से कोविड संक्रमण व्यक्ति की हालत नाजुक हो सकती है। जैसे कि किसी मरीज को टीबी, कैंसर, डायबिटीज या अन्य बीमारी हो, तब उन्हें दिक्कत हो सकती है। उन्होंने कहा कि फिलहाल, लोग भीड़ से बचें। बार-बार हाथ धोएं। इम्युनिटी बनाए रखें। एक्सरसाइज करते रहें।
उन्होंने बताया कि इस बार मामूली लक्षण देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में डरने की जरूरत नहीं है, बस जागरूक रहें। कोविड का लक्षण दिखते ही टेस्ट करवाएं और घर में आइसोलेट हो जाएं। पिछले 13 दिनों में होम आइसोलेशन के मरीजों की संख्या में 1165 से बढ़कर 1613 हो गई है। 31 मई तक 1165 लोग होम आइसोलेशन में थे। जबकि, 12 जून तक 400 से ज्यादा मरीज होम आइसोलेशन में हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो 24 घंटे में कोविड के 8,084 नए मामले आए हैं। यह आंकड़ा साढ़े तीन महीने में सबसे ज्यादा है। संक्रमण दर 3।24 प्रतिशत पहुंच चुकी है। सबसे ज्यादा बुरा हाल महाराष्ट्र और केरल का है। भारत सरकार की अधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, दोनों राज्यों में 24 घंटे के अंदर 2 हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं।
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दिल्ली में फिर बढ़ने लगे मरीज, पर इस बार पहले जितना गंभीर रूप नहीं ले पाएगा कोरोना संक्रमण