YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

 अब नहीं किया जा सकेगा आधार का दुरुपयोग, जोड़ा जाएगा जन्म से लेकर मृत्यु तक का डेटा  

 अब नहीं किया जा सकेगा आधार का दुरुपयोग, जोड़ा जाएगा जन्म से लेकर मृत्यु तक का डेटा  

नई दिल्ली । सरकार आधार के दुरुपयोग को रोकने और इसका दायरा बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है। आधार जारी करने वाली एजेंसी यूआईडीएआई के मुताबिक अगले दिनों में जन्म और मृत्यु के डेटा को भी आधार से जोड़ा जाएगा। नवजात शिशु को अस्थाई आधार नंबर जारी किया जाएगा और बाद में इसे बायोमीट्रिक डेटा के साथ अपग्रेड किया जाएगा। इसके साथ ही मृत्यु के पंजीकरण के रेकॉर्ड को भी आधार के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि इन नंबर के दुरुपयोग को रोका जा सके। यानी आधार में अब हर व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक के आंकड़े जोड़े जाएंगे। इसके लिए जल्दी ही दो पायलट प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी है। 
आधार को 2010 में लॉन्च किया गया था और देश की लगभग पूरी वयस्क आबादी को इसमें एनरोल किया जा चुका है। एक अधिकारी ने बताया कि जन्म के साथ ही आधार नंबर अलॉट करने से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि बच्चे और परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। इससे कोई भी सामाजिक सुरक्षा के लाभ से वंचित नहीं रहेगा। इसी तरह मृत्यु के डेटा को आधार को जोड़ने से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। अभी कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें लाभार्थी की मौत के बाद भी उसके आधार का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए जल्दी ही दो पायलट प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे।
एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अभी 5 साल के बच्चों का बायोमीट्रिक डेटा लिया जाता है। हमारी टीम बच्चों के घर जाकर उनकी बायोमीट्रिक डिटेल लेकर उन्हे परमानेंट आधार नंबर दे सकती है। बच्चे की उम्र 18 साल होने पर बायोमीट्रिक को फिर से रजिस्टर किया जाता है। पांच से 18 साल की उम्र वाली 93 फीसदी आबादी का आधार रजिस्ट्रेशन है लेकिन पांच साल से कम उम्र के बच्चों में यह संख्या केवल 25 फीसदी है। 
यूआईडीएआई के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर जनरल अशोक पाल सिंह ने कहा कि नवजात बच्चों को प्रॉविजनल आधार नंबर जारी करने का प्रावधान पहले से ही है, लेकिन इस प्लान को अब लागू किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि शहरों और राज्यों के जन्म पंजीकरण डेटाबेस के साथ डेटा को क्रॉस वेरिफाई किया जाएगा। इसके साथ ही मृत्यु से जुड़े आंकड़ों के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों से डेटा मांगे जाएंगे ताकि किसी तरह का डुप्लिकेशन न हो। सरकारी सूत्रों के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण देश में मृत्यु दर में तेजी आई है। कई मामलों में लाभार्थियों की मौत के बाद भी उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। जिन लोगों की हाल में मौत हुई है, उनकी पेंशन अब भी निकाली जा रही है। 
उन लोगों के आधार नंबर अब भी एक्टिव हैं, इसलिए उनके खातों में ऑटोमैटिकली जा रही है। साथ ही यूएआईडीएआई की जीरो आधार अलॉट करने की भी योजना है। इससे फर्जी आधार नंबर जेनरेट नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही एक व्यक्ति को एक से ज्यादा आधार नंबर अलॉट नहीं किए जा सकेंगे। जीरो आधार नंबर ऐसे लोगों को दिया जाता है, जिनके पास जन्म, निवास या आय को कोई प्रमाण नहीं होता है। ऐसे व्यक्ति को आधार इंट्रोड्यूसर वेरिफाइड इलेक्ट्रॉनिक साइन के जरिए आधार इकोसिस्टम से इंट्रोड्यूस कराता है। यूएआईडीएआई का रीजनल ऑफिस समय-समय पर ऐसे लोगों को नोटिफाई करता है। अधिकारियों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक साइन से यह सुनिश्चित होगा कि इंट्रोड्यूसर जेनुइन है और देशभर में उनके द्वारा इंट्रोड्यूस किए गए लोगों के नंबर का वेरिफिकेशन किया जा सकता है।
 

Related Posts