लंदन । ब्रिटेन ने मंगलवार देर रात उस उड़ान को रद्द कर दिया जिससे शरणार्थियों को वापस रवांडा भेजा जाना था। इससे पहले मानवाधिकारों से संबंधित यूरोपीय अदालत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा था कि इस योजना से वास्तविक खतरा है। शरणार्थियों के वकीलों ने सरकार की सूची में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के लिए दलीलें पेश की। विदेश मंत्री लिज ट्रुस ने पहले कहा था कि विमान उड़ान भरेगा चाहे उसमें कितने भी लोग सवार क्यों न हो। लेकिन अपील के बाद विमान में कोई भी सवार नहीं हुआ। मंगलवार की उड़ान रद्द करने का फैसला तब हुआ जब अदालत में दायर की गई अपीलों पर तीन दिनों तक बहस हुई। प्रवासी अधिकार वकीलों और श्रमिक संघों ने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की। चर्च ऑफ इंग्लैंड के नेताओं ने इस विरोध में शामिल होते हुए सरकार की नीति को अनैतिक बताया।
विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन की नीति का बचाव करते हुए दलील दी कि यह जिंदगियों को बचाने और उन आपराधिक गिरोहों को नाकाम करने का वैध तरीका है जो छोटी-छोटी नौकाओं से प्रवासियों की तस्करी करते है। गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा कि वह निराश हैं कि विमान उड़ान नहीं भर सका लेकिन साथ ही कहा कि वह सही चीज करने से नहीं रुकेंगी। उन्होंने कहा कि हमारा कानूनी दल इस उड़ान को लेकर लिए गए प्रत्येक फैसले की समीक्षा कर रहा है और अब अगली उड़ान की तैयारियां शुरू हो गई है। रतलब है कि जॉनसन ने अप्रैल में रवांडा के साथ एक समझौते की घोषणा की थी, जिसमें गैरकानूनी रूप से ब्रिटेन में प्रवेश करने वाले लोगों को वापस प्रत्यर्पित किया जाएगा। ऐसे लोगों को स्वीकार करने के बदले रवांडा को सहायता के रूप में लाखों डॉलर मिलेंगे।
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ब्रिटेन ने शरणार्थियों को रवांडा भेजने वाली पहली उड़ान रद्द की