नई दिल्ली । केंद्र सरकार की सेना में सैनिकों के भर्तीसे जुड़ी योजना 'अग्निपथ' को देश के युवा बवाल मचाएं हैं। विरोध प्रदर्शनों के बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को योजना का बचाव करते हुए कहा कि इसे पूर्व सैनिकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद लागू किया गया है। सिंह ने कहा कि योजना के संबंध में राजनीतिक कारणों से 'भ्रम' फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह योजना सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि योजना के तहत भर्ती कर्मियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा, 'यह योजना सशस्त्र बलों की भर्ती प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगी। कुछ लोग इसके बारे में गलतफहमी फैला रहे हैं। हो सकता है कि लोगों में कुछ भ्रम हो, क्योंकि यह एक नई योजना है।'
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस योजना को पूर्व सैनिकों के साथ लगभग दो साल तक विचार-विमर्श करने के बाद लागू किया गया है और इस संबंध में आम सहमति के आधार पर निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि लोगों में देश के लिए अनुशासन और गर्व की भावना हो।' रक्षा मंत्री ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना कहा कि 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ कुछ विरोध प्रदर्शनों के राजनीतिक कारण हो सकते हैं। उन्होंने कहा, 'राजनीति करने के लिए और भी बहुत सारे मुद्दे हैं। लेकिन हम चाहे विपक्ष में रहें या फिर सत्ता में में, जो भी राजनीति करते हैं, वह देश के लिए होती है।'
रक्षा मंत्री ने कहा, 'क्या हमें देश के जवानों का मनोबल गिराना चाहिए? यह सही नहीं है।' अग्निपथ योजना के तहत चार साल के लिए अनुबंध के आधार पर जवानों की भर्ती की जाएगी, जिसके बाद उनमें से 75 प्रतिशत को पेंशन के बिना अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। शेष 25 प्रतिशत को नियमित सेवा के लिए बरकरार रखा जाएगा। इन जवानों का चयन उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। योजना के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 'अग्निपथ योजना' के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मियों को राज्य सरकारों, निजी उद्योगों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अर्धसैनिक बलों की विभिन्न नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।
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राजनाथ सिंह बोले- पूर्व सैनिकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद लागू की गई 'अग्निपथ' योजना