नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने साल 2002 में हुए गुजरात दंगों को लेकर एसआईटी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि 18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा और आज जब अंत में सत्य सोने की तरह चमकता हुआ सामने आया, तो आनंद आ रहा है। गृहमंत्री शाह ने कहा कि मैंने पीएम मोदी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे। बहुत मजबूत मन का आदमी ही ये स्टैंड ले सकता है।
अमित शाह ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज किया है। आप कह सकतें हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे। उन्होंने कहा कि मोदी जी से भी पूछताछ हुई थी लेकिन तब किसी ने धरना-प्रदर्शन नहीं किया था और हमने कानून को सहयोग दिया और मेरी भी गिरफ़्तारी हुई थी लेकिन कोई भी धरना-प्रदर्शन नहीं हुआ था।
उन्होंने बताया जिन लोगों ने पीएम मोदी पर आरोप लगाए थे अगर उनकी अंतरात्मा है, तो उन्हें मोदी जी और भाजपा नेता से माफी मांगनी चाहिए। अमित शाह ने कहा कि जहां तक गुजरात सरकार का सवाल है, हमने कोई लेटलतीफी नहीं की, जिस दिन गुजरात बंद का एलान हुआ था उसी दिन हमने सेना को बुला लिया था। गुजरात सरकार ने एक दिन की भी देरी नहीं की थी और कोर्ट ने भी इसका प्रोत्साहन किया है लेकिन दिल्ली में सेना का मुख्यालय है, जब इतने सारे सिख भाइयों को मार दिया गया, 3 दिन तक कुछ नहीं हुआ। कितनी एसआईटी बनी? हमारी सरकार आने के बाद एसआईटी बनी। ये लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं?