नई दिल्ली । पिछले महीने कई स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल यानी एसयूवी भारतीय बाजार में लॉन्च की गई हैं। इससे पता चलता है कि अब दुनिया में सेमीकंडक्टर की कमी धीरे-धीरे ठीक हो रही है, जिसके वाहन उत्पादन लगभग सामान्य स्तर पर लौट आया है। इससे कार की बिक्री में काफी उछाल आया है। हालांकि, चिप की कमी की वजह से खरीदारों को कारों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने जून 2022 में 155,857 इकाइयों की कुल बिक्री दर्ज की, जो जून 2021 में बेची गई 147,368 इकाइयों से 5.76 प्रतिशत अधिक है। महीने में कंपनी की कुल बिक्री में 125,710 इकाइयों की घरेलू बिक्री, अन्य ओईएम को बिक्री 6,314 इकाइयां और 23,833 इकाइयों का निर्यात शामिल है। इसकी कुल घरेलू बिक्री जून 2022 में वार्षिक आधार पर 1.29 प्रतिशत बढ़कर 132,024 इकाई हो गई, जो जून 2021 में 130,348 इकाई थी। एक महीने पहले टाटा मोटर्स से नंबर दो का स्थान खोने वाली हुंडई मोटर इंडिया ने 49,001 इकाइयों (21 प्रतिशत ऊपर) की घरेलू बिक्री और 13,350 इकाइयों के निर्यात के साथ अपनी स्थिति को फिर से हासिल कर लिया है । इस दौरान कुल बिक्री आंकड़ा 62,351 इकाई रहा है।
एचएमआईएल के निदेशक (बिक्री, विपणन और सेवा) तरुण गर्ग ने कहा कि सेमीकंडक्टर की स्थिति में नरमी के संकेत मिलने से बिक्री संख्या में फिर से सकारात्मक रुझान दिखने लगा है। टाटा की मोटर्स की बात करें तो जून में घरेलू यात्री वाहनों (पीवी) की बिक्री भी 87 प्रतिशत बढ़कर 45,197 इकाई पहुंच गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 24,110 इकाई रही थी। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में यात्री वाहनों की बिक्री बढ़कर 1,30,125 इकाई रही। एक साल पहले इसी अवधि में यह संख्या 64,386 इकाई रही थी। कंपनी ने बयान में कहा कि चीन में लॉकडाउन के कारण सप्लाई चेन मामूली रूप से प्रभावित होने के बावजूद यात्री वाहनों की मांग चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मजबूत बनी रही। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा कि जून 2022 में उसकी कुल ऑटो बिक्री 54,096 वाहनों की रही। यूटिलिटी व्हीकल्स (यूवी) सेगमेंट में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने महीने में 26,620 वाहनों की बिक्री की, जो एक साल पहले की मासिक बिक्री से 60 प्रतिशत अधिक है। यात्री वाहन खंड (जिसमें यूवी, कार और वैन शामिल हैं) ने जून 2022 में 26,880 इकाइयों की बिक्री देखी। महीने के लिए निर्यात 2,777 वाहनों का रहा।
इकॉनमी
सेमीकंडक्टर की कमी दूर होने से बढ़ने लगी कार निर्माताओं की बिक्री - सामान्य स्तर पर आ गया वाहन उत्पादन