
मास्को । रूस और यूक्रेन के बीच जंग को आठ माह पूरे हो चुके हैं। इन आठ माह में युद्ध कई नाटकीय घटनाक्रम से गुजरा है। लेकिन रूस की ओर से अब जो दावा किया जा रहा है, वह डराने वाला है। रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू की मानें, तब यूक्रेन एक 'डर्टी बम का प्रयोग करने की कोशिशों में लगा हुआ है। उन्होंने इस बात के कोई सुबूत नहीं दिए हैं, लेकिन उनका बयान डराने वाला है। विशेषज्ञों की मानें तब रूस ऐसा करके एक नई धारणा को आगे बढ़ा रहा है।
डर्टी बम के साथ ही रूसी रक्षा मंत्री का इशारा उस बम की तरफ था जो होता तब परमाणु बम की तरह है लेकिन इसका असर उतना विनाशकारी नहीं होता है। इससे निकलने वाले रेडियोएक्टिव कचरे से बड़े पैमान पर तबाही फैल सकती है। डर्टी बम यानी वह हथियार जो रेडियोएक्टिव मैटेरियल को तैयार करके बनाया जाता है। इस बम में यूरेनियम जैसे तत्वों का प्रयोग होता है। जब यह बम फटता है, तब हवा में विस्फोटक और रेडियोएक्टिव तत्व फैल जाते हैं। इस बम में परमाणु बम की तरह खतरनाक रेडियोएक्टिव तत्व नहीं होते हैं। बल्कि इस बम को अस्पताल और परमाणु शक्ति केंद्र से निकलने वाले रेडियोएक्टिव तत्वों से मिलाकर बनाया जाता है। इसकारण यह काफी सस्ता होता है और परमाणु बम की तुलना में जल्दी तैयार होता है। इस बम को आसानी से किसी गाड़ी पर लादकर ले जाया जाता है।
रेडियोएक्टिव तत्वों की वजह से गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर आदि का खतरा रहता है। इस वजह से इस बम का प्रयोग या इसकी धमकी एक आबादी में दहशत पैदा कर सकती है। जहां कहीं भी इस बम का टेस्ट होता है, वहां लोगों को पहले हटा दिया जाता है और फिर उस जगह को हमेशा के लिए छोड़ दिया जाता है। जानकार वैज्ञानिकों के अनुसार अगर एक बम में 9 ग्राम कोबाल्ट-60 और पांच किलोग्राम तक टीएनटी होता है, तब फिर वह न्यूयॉर्क के मैनहैट्टन को कई दशकों तक के लिए तबाह कर सकता है। इसलिए इन बमों को बड़े स्तर पर तबाही का हथियार करार दिया जाता है। वहीं यह बात भी सच है कि इस तरह के बम बहुत ही अवश्विसनीय होते हैं। डर्टी बम में किसी भी तरह के रेडियोएक्टिव मैटेरियल को टारगेट जोन को तबाह करने के लिए पाउडर में बदलना होता है। लेकिन अगर इसके कण बहुत ज्यादा महीन हो जाते हैं, तब फिर उनसे नुकसान न के बराबर होता है। अभी तक दुनिया में किसी भी तरह के सफल डर्टी बम के प्रयोग का कोई उदाहरण नहीं मिला है। हालांकि इस कई बार प्रयोग किया गया है।
अमेरिका स्थित स्टडी ऑफ वॉर की मानें तब रूसी रक्षामंत्री की तरफ से आया यह बयान रणनीति का हिस्सा है। इंस्टीट्यूट का कहना है कि इस बयान का मकसद सिर्फ यूक्रेन को मिलने वाली सैन्य सहायता को ब्लॉक करना या फिर युद्ध की गति को कम करना है। यह भी हो सकता है कि रूस, नाटो की सेनाओं को डराना चाहता है। इसकी आशंका है कि रूस, यूक्रेन में एक डर्टी बम फोड़ना चाहता है। साथ ही वह इसके लिए यूक्रेन की सेनाओं पर झूठा आरोप लगाने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, कई सैन्य विशेषज्ञों की मानें, तब रूस इतना मूर्ख नहीं है। उस मालूम है कि अगर डर्टी बम फटा, तब फिर उसके सैनिक भी इसकी चपेट में आएंगे और उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा सकता है। आईएसडब्ल्यू का कहना है कि रूस की तरफ से इस डर्टी बम के प्रयोग की कोई आशंका नहीं है।