नई दिल्ली । इस साल दिवाली के अगले दिन 2015 के बाद से दिल्ली में सबसे स्वच्छ हवा देखी गई है। यह दिवाली और उसके एक दिन बाद दोनों पर एक्यूआई 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने के बावजूद 2015 के बाद दिवाली का अगला दिन सबसे साफ रहा। प्रदूषण स्तर में वृद्धि दर्ज करने के बाद पटाखों प्रतिबंध लगा दिया गया था। दिल्ली सरकार के प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में पटाखे जलाए गये। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक दिवाली के दिन एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 312 था, जबकि मंगलवार को यह 303 था। 301 से 400 के बीच एक्यूआई को 'बेहद खराब' माना जाता है। 2015 के बाद से उपलब्ध सीपीसीबी के आंकड़ों से पता चलता है कि दिवाली के बाद की हवा की गुणवत्ता पिछले साल सबसे खराब देखी गई थी, जब दिवाली के एक दिन बाद एक्यूआई 462 दर्ज किया गया था, जो 'गंभीर' श्रेणी में था। पिछले साल दिवाली के दिन एक्यूआई 382 था। 2015 से लेकर 2019 तक लगातार 4 साल तक दिवाली के अगले दिन की हवा गंभीर श्रेणी में बनी रही। मौसम की स्थिति ने इस बार हवा की क्वालिटी में सुधार करने में भूमिका निभाई। सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि हवा की गति ने प्रदूषकों के इकठ्ठा होने से रोकने में मदद की और इस साल दिवाली का दिन अपेक्षाकृत गर्म भी था जिस वजह से भी हवा की क्वालिटी पिछले दिवाली के दिनों के मुकाबले अच्छी रही। बेग ने बताया कि,“हवा की गति मंगलवार तड़के दो बजे के करीब तेज हो गई। सुबह के शुरुआती घंटों में, प्रदूषक सामान्य रूप से जमा हो जाते थे। जब तापमान ठंडा होता है और सीमा की परत नीचे आती है और हवाएँ धीमी हो जाती हैं। लेकिन हवा की गति तेज हो गई, जिससे फैलाव में मदद मिली। उच्चतम एक्यूआई स्तर आधी रात के आसपास दर्ज किया गया, जिसके बाद इसमें सुधार हुआ और सुबह 323 पर आ गया। उन्होंने यह भी कहा कि,“ऐसा प्रतीत होता है कि पिछले वर्ष की तुलना में पटाखों के उत्सर्जन में कमी आई है। हवा की गुणवत्ता उतनी खराब नहीं हुई जितनी हो सकती थी। लेकिन उत्सर्जन भार में पटाखों का योगदान कितना रहा यह अभी नहीं पता चल पाया है। इसे निर्धारित करने में कुछ दिन लग सकते हैं
रीजनल नार्थ
दिवाली के बाद पहली बार इतनी साफ रही दिल्ली की हवा