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अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार कुमारस्वामी कर्नाटक में राजनीतिक अस्थिरता, आज से मानसून सत्र

अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार कुमारस्वामी कर्नाटक में राजनीतिक अस्थिरता, आज से मानसून सत्र

कर्नाटक में राजनीतिक अस्थिरता और कांग्रेस-जद(एस) सरकार की बेहद खराब स्थिति के बावजूद राज्य विधानसभा का मानसून सत्र आज शुक्रवार से शुरू हो रहा है। गौरतलब है कि गठबंधन सरकार के 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। राज्य विधानमंडल के सत्र की शुरुआत हाल ही में दिवंगत हुए कर्नाटक की विभिन्न हस्तियों को श्रद्धांजलि देने के साथ होने की संभावना है। पिछले सत्र से इस सत्र के बीच अभिनेता, निर्देशक और नाटककार गिरिश कर्नाड का निधन हुआ है। इससे पहले कांग्रेस के 13 और जद (एस) के तीन, इस तरह कुल 16 विधायकों के इस्तीफे के चलते राज्य में इन दोनों दलों की गठबंधन सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। दो निर्दलीय विधायकों ने भी 13 माह पुरानी एचडी कुमास्वामी नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।
कर्नाटक में सत्ताधारी गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे के चलते सरकार अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है। ऐसे में गुरुवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में स्थिति का साहस और एकजुट होकर सामना करने की प्रतिबद्धता जताई गई। कैबिनेट की ओर से यह विश्वास व्यक्त किया गया कि सरकार बची रहेगी। कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में हुई। इसमें कहा गया कि यदि विपक्षी भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो वह उसका सामना करने को तैयार है। ग्रामीण विकास मंत्री कृष्ण बी गौड़ा ने कहा, 'राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा की गई और जो निर्णय किया गया वह यह था कि सरकार संकट की स्थिति में है, इसको लेकर कोई संदेह नहीं है। इसके विभिन्न कारणों और उसे सुलझाने के कदमों पर भी चर्चा गई।  कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि सरकार को अस्थिर करने का यह छठा या सातवां प्रयास है। उन्होंने कहा, 'इसे भाजपा द्वारा केंद्र सरकार का इस्तेमाल करते हुए लगातार हमला कहा जा सकता है।
 
कुमारस्वामी बोले, मैं क्यों दूं इस्तीफा
कर्नाटक में सरकार पर खतरे के बादल मंडराने के बावजूद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी इस्तीफा देने को तैयार नहीं है। कुमारस्वामी ने उनके इस्तीफे की तमाम अटकलों को खारिज करते हुए कहा, मैं इस्तीफा क्यों दूं? मुझे इस्तीफा देने की क्या जरूरत है? उन्होंने 2009-10 के उस वाकये की याद दिलाई, जब कुछ मंत्रियों सहित 18 विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का विरोध किया था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था।
 
फ्लोर टेस्ट चाहते हैं मुख्यमंत्री कुमारस्वामी
कुल मिलाकर तस्वीर ये है कि राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री कुमारस्वामी फ्लोर फ्लोर टेस्ट चाहते हैं। स्पीकर रमेश भी इसके पक्ष में हैं। फ्लोर टेस्ट से ही विधानसभा सभा का रुख तय होना संविधान सम्मत है। रणनीतिकारों को लग रहा है कि तब तक सब ठीक हो जाएगा। भाजपा और येदियुरप्पा फ्लोर टेस्ट से बचना चाह रहे हैं।  

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