बीजिंग । चीन में लंबे समय से लोग लॉकडाउन और सख्त जीरो कोविड पॉलिसी का विरोध कर रहे थे लेकिन अब यह नाराजगी सड़कों पर देखी जा सकती है। दशकों में पहली बार चीन में इतने बड़े पैमाने पर लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हजारों लोग यूनिवर्सिटी और प्रमुख शहरों की सड़कों पर उतरकर नारे लगा रहे हैं लेकिन अब ये प्रदर्शन सिर्फ जबरन कोविड टेस्ट या लॉकडाउन विरोध तक सीमित नहीं हैं बल्कि कड़ी सेंसरशिप और कम्युनिस्ट पार्टी की तानाशाही के खिलाफ भी आवाजें उठने लगी हैं। खबर के अनुसार पूरे चीन में चल रहे विरोध प्रदर्शन की कमान प्रमुख रूप से युवाओं ने थाम रखी है। कोरोना प्रतिबंधों के विरोध में शरू हुए प्रदर्शन से अब आजादी-आजादी के नारे सुनाई दे रहे हैं। सरकार के खिलाफ असंतोष में हिस्सा लेने वाले कुछ युवाओं की उम्र बेहद कम है। सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे वीडियो में अलग-अलग शहरों से सैकड़ों की भीड़ आजादी या मौत के नारे लगाती हुई नजर आ रही है।
उरुमकी में एक बिल्डिंग में आग लगने के बाद 10 लोगों की मौत ने इस विरोध की चिंगारी को हवा दी है। कहा जा रहा है कि जीरो कोविड पॉलिसी ने इमरजेंसी वर्कर्स को घटनास्थल तक पहुंचने से रोक दिया। तीन साल से बेहद कड़े कोविड प्रतिबंधों को झेल रहे नागरिकों तक जब यह जानकारी पहुंची तो उनका गुस्सा फूट गया। कुछ प्रदर्शनकारी अब अभिव्यक्ति की आजादी लोकतंत्र कानून के शासन मानवाधिकार और अन्य राजनीतिक मांगों के लिए नारे लगा रहे हैं। सेंसरशिप के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवा सफेद कागज हवा में लहरा रहे हैं। यह इंटरनेट से हटाए गए अनगिनत महत्वपूर्ण पोस्ट न्यूज आर्टिकल और मुखर सोशल मीडिया अकाउंट का प्रतीक है।
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चीन में तानाशाही सरकार के खिलाफ आंदोलन में बदला लॉकडाउन का गुस्सा - चीन में बड़े पैमाने पर लोग सरकार के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन