भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एनईएफटी और आरटीजीएस ट्रांजैक्शंस पर लगने वाले शुल्क को समाप्त करने की घोषणा के बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने घोषणा की है कि उसने इन सेवाओं पर लगने वाले शुल्क को समाप्त कर दिया है। बैंक द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक,1 जुलाई, 2019 से योनो ऐप, इंटरनेट बैंकिंग तथा मोबाइल बैंकिंग के जरिये किए गए आरटीजीएस और एनईएफटी ट्रांजैक्शंस पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके बाद 1 अगस्त, 2019 से बैंक आईएमपीएस पर लगने वाले शुल्क को भी खत्म कर देगा। एसबीआई के एमडी (रिटेल एवं डिजिटल बैंकिंग) पी. के. गुप्ता ने कहा, 'ग्राहकों को सुविधाएं प्रदान करना और उन्हें फंड ट्रांसफर के लिए डिजिटल रूट अपनाने को प्रोत्साहित करना हमारी रणनीति का हिस्सा है। अपनी रणनीति और केंद्र सरकार के डिजिटल इकॉनमी के निर्माण के सपने को साकार करने के लिए एसबीआई ने बिना किसी खर्च के योनो, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के जरिये एनईएफटी और आरटीजीएस ट्रांजैक्शंस करने को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।'
एसबीआई प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, एसबीआई ने बैंक शाखा के जरिये ट्रांजैक्शंस करने वाले ग्राहकों के लिए एनईएफटी और आरटीजीएस ट्रांजैक्शंस पर शुल्क में 20 फीसदी की कटौती की है। जहां तक आईएमपीएस की बाता है तो बैंक की शाखा के जरिये 1,000 रुपये तक का फंड ट्रांसफर करने वाले ग्राहकों को कोई शुल्क नहीं देना होगा।
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अच्छी खबर : एसबीआई ने एनईएफटी और आरटीजीएस ट्रांजैक्शंस पर शुल्क खत्म किया