पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत के जज को शुक्रवार को काम करना बंद करने का निर्देश दिया गया। एक विडियो के सामने आने के बाद शीर्ष न्यायालय ने कानून मंत्रालय को जज को पद से हटाने को कहा था। विडियो में जज को कथित रूप से यह कहते हुए दिखाया गया कि उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के एक मामले में अप्रत्यक्ष दबाव के चलते दोषी ठहराया।
इस्लामाबाद में जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश अरशद मलिक ने शरीफ को गत वर्ष 24 दिसंबर को अल अजीजिया स्टील मिल मामले में सात साल की सजा सुनाई थी। शरीफ की बेटी मरियम की ओर से पिछले सप्ताह एक विडियो जारी किया गया था जिसमें जस्टिस मलिक पीएमएल-एन के एक नेता से बातचीत में कथित रूप से यह स्वीकार करते हुए दिखाए गए हैं कि कुछ तत्वों की ओर से उन पर तीन बार के प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराने का काफी दबाव था।
सूत्रों ने बताया कि इससे पहले दिन में जज मलिक ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आमिर फारुक को दिए पत्र और एक हलफनामे में विडियो की सामग्री से इनकार करते हुए उसे फर्जी बताया। उन्होंने जस्टिस फारुक से मामले में एक निष्पक्ष जांच का भी अनुरोध किया। सूत्रों ने कहा कि हालांकि जस्टिस फारुक ने कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर जस्टिस मलिक को उनके खिलाफ एक जांच पूरी होने तक जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश के पद से हटाने के लिए पत्र लिखने का निर्णय लिया।
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नवाज को जेल पर कबूलनामा, जज को पद से हटाने के आदेश