दंत रोगों का पता करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरे देश में ओरल हेल्थ सर्वेक्षण करने जा रहा है। यह सर्वेक्षण दिल्ली एम्स के दंत एवं अनुसंधान केंद्र (सीडीईआर) के नेतृत्व में किया जाएगा। सर्वे के बाद जिलावार दांतों की बीमारी व मरीजों की संख्या, एडवांस डेंटल चेयर, उपकरणों की आवश्यकता आदि का डाटा इकट्ठा किया जाएगा। इस सर्वेक्षण का मकसद इन बीमारियों की रोकथाम और इलाज के लिए रणनीति तैयार करना है। विभिन्न मुख संबंधी अस्पतालों के विशेषज्ञ और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने इसके लिए एम्स में बैठक की और सर्वेक्षण के लिए नमूने चुनने की रणनीति, योजना और उसकी समय-सीमा पर चर्चा की। एम्स के दंत शिक्षा एवं अनुसंधान (सीडीईआर) के प्रमुख डॉ. ओपी खरबंदा ने बताया कि मुख संबंधी बीमारियों का बोझ भारत में काफी ज्यादा है। अगर इस बीमारी पर समय से ध्यान न दिया जाए तो यह इतना खतरनाक हो सकता है कि इसे ठीक नहीं किया जा सकता। दांतों के खराब होने की वजह से बच्चों के स्कूल में बिताए घंटों में भी कमी आती है और जीवन की गुणवत्ता पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है।