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निजी विवि के शिक्षक, छात्रों को पढाएंगे कैंब्रिज के प्रोफेसर 100 शिक्षक और दो हजार छात्रों को देंगे प्रशिक्षण

निजी विवि के शिक्षक, छात्रों को पढाएंगे कैंब्रिज के प्रोफेसर  100 शिक्षक और दो हजार छात्रों को देंगे प्रशिक्षण

निजी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और छात्रों को अब  कैंब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पढाएंगे। प्रथम चरण में प्रदेश के 100 शिक्षक और दो हजार छात्रों को तीन माह का कैप्सूल कोर्स में कम्यूनिकेशन स्किल विकसित करेंगे। इसके लिए कल निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग व कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू साइन हुआ है। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी, आयोग के अध्यक्ष मोरध्वज सिंह परिहार, आयुक्त उच्च शिक्षा राघवेंद्र सिंह सहित कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर व अफसर मौजूद थे। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर प्रदेश में विद्यार्थियों को इंटरनेशनल स्तर पर नौकरी करने का स्किल डेवलप करेंगे। दिसंबर 2019 तक प्रदेश के सौ शिक्षक और दो हजार विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करेंगे। इससे विद्यार्थियों को विश्व स्तर पर नौकरी के अवसर बढेंगे। यहां तक उन्हें नौकरी करने में ज्यादा परेशानी भी नहीं उठाना पड़ेगी। तीन माह के कैप्सूल कोर्स में वे विद्यार्थियों को फर्राटेदार अंग्रेजी में बोलना और लिखना सिखाने के साथ इंटरव्यू और चर्चा करने के अलावा अन्य प्रतिभाओं में पारंगत कर देंगे। 
    प्रशिक्षित शिक्षक आगामी चरणों में विद्यार्थियों को तैयार कर पाएंगे। पहले चरण के लिए राज्य के दस कालेजों के साथ जीवाजी विवि ग्वालियर, विक्रम विवि उज्जौन, डीए विवि और बीयू के शिक्षक और विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा। तीन माह के कोर्स के बाद विद्यार्थियों का असिसमेंट टेस्ट लिया जाएगा, जिसका उन्हें एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा, जिसकी वैल्यू इंटरनेशनल लेवल की होगी। कार्यक्रम के दौरान लीएम विंट, निदेशक ग्लोबल नेटवर्क ऑफ कैंब्रिज असेसमेंट ऑफ इंग्लिश, टीके अरूणाचलम, रीजनल हेड, साउथ एशिया पेसिफिक, कैंब्रिज असेसमेंट इंग्लिश, टीआईटी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी गुणाशेखरन सहित निजी विश्वविद्यालयों के अध्यक्ष, कुलाधिपतिगण, कुलपति और कुलसचिव मौजूद थे। इस बारे में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि शिक्षा विभाग एवं आयोग एमओयू के माध्यम से विवि के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को कम्युनिकेशन स्किल के साथ-साथ रोजगार को बढ़ावा देना चाहता है। इससे विवि के विद्यार्थियों को निजी क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय कंपनियों में एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त हो सके।

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