फ्लिपकार्ट अपने ग्राहकों को डिस्काउंट देने के लिए सेलर्स को इंसेंटिव दे रही है। वह वेंडर्स को नॉन-कैश क्रेडिट ऑफर कर रही है, जो कई मामलों में प्रॉडक्ट की कीमत के 50 फीसदी तक है। सरकार की ओर से ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म पर प्रीडेटरी प्राइसिंग' यानी भारी डिस्काउंट पर सामान बेचने पर रोक लगाए जाने के बाद हो रहा है। फ्लिपकार्ट के नए प्रमोशनल प्रोग्राम के तहत ग्राहकों को 5 फीसदी डिस्काउंट ऑफर करने वाले वेंडर्स को प्रॉडक्ट की कीमत का 2.5-50 फीसदी वापस मिलेगा। इस क्रेडिट के रूप में वापस किया जाएगा। 11 जुलाई को शुरू हुआ यह प्रमोशनल प्रोग्राम 11 सितंबर को खत्म होगा। कंपनी ने बताया, यह इन्सेंटिव, प्रमोशनल प्रोग्राम के सभी मानकों को हासिल करने पर हमारी फीस और कमीशन में छूट ऑफर करने का एक तरीका है। पत्र में लिखा है कि सेलर्स को क्रेडिट नोट के रूप में रिवॉर्ड दिया जाएगा, जिस किसी भी बकाया पेमेंट में अजस्ट किया जा सकेगा। फ्लिपकार्ट ने सेलर्स से कहा है कि यह ऑप्शनल प्रोग्राम है, जिसमें शामिल होने के लिए उन्हें इस चुनना पड़ेगा। रिवॉर्ड हासिल करने के लिए वेंडर्स को यह भी पक्का करना होगा कि प्रमोशनल अवधि के दौरान उनके प्रॉडक्ट का कैंसलेशन 0.5 फीसदी से कम हो। इस खबर के सवाल पर फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने जवाब नहीं दिया। फ्लिपकार्ट का यह कदम काफी अहम है क्योंकि एफडीआई नियम विदेशी स्वामित्व वाले ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से प्रॉडक्ट की कीमतों को प्रभावित करने की इजाजत नहीं देते हैं। सरकार ने पिछले साल दिसंबर में आदेश दिया था, जिसमें इन कंपनियों को कन्ज्यूमर्स को चुनिंदा आइटम पर कैशबैक देने से भी रोक दिया था। इसलिए इन कंपनियों को प्रॉडक्ट्स पर डिस्काउंट देने और कस्टमर को लुभाने के नए तरीकों को खोजने पर मजबूर होना पड़ा।