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कर्नाटक में आज सरकार का इम्तिहान स्वामी पेश करेंगे दावा, येदियुरप्पा होंगे सीएम?

कर्नाटक में आज सरकार का इम्तिहान स्वामी पेश करेंगे दावा, येदियुरप्पा होंगे सीएम?

 कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच आज का दिन काफी अहम होने वाला है। दरअसल आज कर्नाटक में मौजूदा सरकार रहेगी या नहीं, इसका फैसला होने वाला है। आज होने वाले विश्वास मत से कर्नाटक की सियासी तस्वीर के पूरी तरह से साफ होने की उम्मीद है। कर्नाटक में जब से कांग्रेस और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के गठबंधन की सरकार बनी है, तब से ही इस सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के इस्तीफे के बाद से कर्नाटक सीएम एचडी कुमारस्वामी की कुर्सी पर खतरा और ज्यादा बढ़ गया. ऐसे में अब विश्वास मत की नौबत आ चुकी है। राजनीतिज्ञों का दावा है कि कर्नाटक सरकार गिर सकती है। 224 सदस्यीय वाली कर्नाटक विधानसभा में विधायकों के इस्तीफे के ड्रामे से पहले बीजेपी के 105 सदस्य थे। इसके अलावा कांग्रेस 75+1 (स्पीकर) और जेडीएस के 37 सदस्य थे। हालांकि अब विधायकों के इस्तीफे देने के बाद समीकरण मौजूदा सरकार के लिए बिगड़ गए हैं। बागी विधायकों के कारण बीजेपी के विधानसभा में सदस्यों की संख्या तो फिलहाल उतनी ही है, लेकिन कांग्रेस और जेडीएस को इस मामले में नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि कांग्रेस के अब 65+1 (स्पीकर) और जेडीएस के 34 विधायक ही बच गए हैं. जिसके कारण दोनों पार्टियां का कुल आंकड़ा विधानसभा में बीजेपी से कम आ रहा है। इसके अलावा कर्नाटक में निर्दलीय 2, बीएसपी का एक और नॉमिनेटेड एक सदस्य मौजूद है।
 
अयोग्य ठहराए जाने पर क्या होगा?
अगर स्पीकर सभी 15 बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा देते हैं तो सदन में संख्याबल घट जाएगा। ऐसे में 209 विधायकों के पास ही बहुमत परीक्षण में हिस्सा लेने का अधिकार होगा और बहुमत का गणित भी घटकर 105 पहुंच जाएगा। इस स्थिति में सरकार बचाने के लिए जेडीएस-कांग्रेस को बीजेपी के खेमे में सेंध लगानी पड़ेगी। इन सबमें दो निर्दलीयों का रुख भी काफी अहम रहेगा। फिलहाल निर्दलीय बीजेपी के साथ दिखाई पड़ रहे हैं लेकिन बहुमत परीक्षण के वक्त पाला बदलने का पुराना इतिहास रहा है। ऐसे में तस्वीर पलट भी सकती है।

इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ तो क्या होगा?
एक दूसरी तस्वीर यह है कि स्पीकर केआर रमेश कुमार बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर न करें। ऐसी सूरत में वे सदन की कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं। अगर 15 बागियों में से कम से कम 6 विधायक विश्वासमत में शामिल होते हैं, साथ ही पाला बदलते हुए कुमारस्वामी सरकार के समर्थन में वोट देते हैं तो कांग्रेस-जेडीएस सरकार बच सकती है।

बागी विधायक बोले- पीछे हटने का सवाल ही नहीं
कांग्रेस के बागी विधायक बीसी पाटिल ने मीडिया को जारी एक विडियो में कहा, 'हम माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से खुश हैं, हम उसका सम्मान करते हैं।  इससे सत्ताधारी गठबंधन की उन्हें वापस अपने पाले में लाने की उम्मीदें और कम हो गई। पाटिल के साथ कांग्रेस-जेडीएस के 11 अन्य विधायक भी थे, जिन्होंने इस्तीफा दिया है। पाटिल ने कहा, 'हम सभी साथ हैं और हमने जो भी निर्णय किया है...किसी भी कीमत पर (इस्तीफों पर) पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता। हम अपने निर्णय पर कायम हैं। विधानसभा जाने का कोई सवाल नहीं है।  

कर्नाटक विधानसभा का गणित बिगडऩा तय
225 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-जदएस गठबंधन के पास फिलहाल 117 सदस्य (कांग्रेस 78, जदएस 37, बसपा 1 और 1 मनोनीत) हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मनोनित सदस्य को भी मतदान का अधिकार है। वहीं, दो निर्दलीय विधायकों के साथ आने के बाद भाजपा के पास 107 विधायकों का समर्थन है। अगर स्पीकर बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं या वे सदन में मौजूद नहीं रहते हैं तो सरकार के पास सिर्फ 101 सदस्य रह जाएंगे। ऐसे में कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ जाएगी।  

इन 15 बागी विधायकों की किस्मत का होगा फैसला
जिन 15 विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा है, उसमें कांग्रेस-जेडीएस के एच विश्वनाथ, आर रोशन बेग, रमेश झारखोली, आनंद सिंह, एस टी सोमशेखर, बैराठी बसवराज, एन मुनिरत्न, बी सी पाटिल, प्रताप गौड़ा पाटिल, शिवराम हेब्बर, महेश कुमताहल्ली, एम टी बी नागराज, के सुधाकर, नारायण गौड़ा, के गोपालैया शामिल है। हालांकि, कांग्रेस के बागी विधायक रामलिंगा रेड्डी ने सरकार के पक्ष में वोट करने का ऐलान किया है। 

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