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जेलों में मोबाइल का इस्तेमाल रोकना होगा: तिहाड़ डीजी

जेलों में मोबाइल का इस्तेमाल रोकना होगा: तिहाड़ डीजी

1989 बैच के आईपीएस संदीप गोयल ने तिहाड़ के नए डीजी का चार्ज बुधवार को संभाल लिया गया है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर (नॉर्थ जोन) से तिहाड़ के डीजी बने गोयल के सामने सबसे बड़ी चुनौती तीनों जेलों के अंदर कैदियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल को रोकना होगी। गोयल आईबी समेत कई अन्य राज्यों में अहम पदों पर रह चुके हैं। 2014 में राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित गोयल ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग और जेएनयू से कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रैजुएट किया गया है। मंगलवार तक तिहाड़ के डीजी रहे 1985 बैच के आईपीएस अजय कश्यप को होम गार्ड का डीजी बनाए जाने और गोयल को तिहाड़ का डीजी बनाने वाले आदेशों के अगले दिन गोयल ने चार्ज ले लिया। सूत्रों का कहना है कि नए डीजी के सामने एक और चुनौती जेल में तंबाकू समेत अन्य प्रतिबिंधित सामानों की ब्रिकी को रोकना होगा। दिल्ली पुलिस द्वारा बदमाशों की तेजी से धर-पकड़ की वजह से तिहाड़ के अंदर भी गैंगवॉर का डर सताने लगा है। नए डीजी के सामने यह चुनौती होगी कि यहां जो खतरनाक कैदी लाए जा रहे हैं, उन्हें किस तरह से अलग करके रखा जाए। आईपीएस गोयल 1992 से 1994 तक चंडीगढ़ के एएसपी रहे थे। इसके बाद मिजोरम में 1997 तक अडिश्नल आईजी-1 रहते हुए जुलाई 1997 में अपनी पहली पोस्टिंग के रूप में नॉर्थ-वेस्ट जिले के अडिश्नल डीसीपी बनाए गए थे। जनवरी 1998 तक पद पर रहने के बाद वह दिल्ली में ही डीसीपी पीसीआर, नॉर्थ-वेस्ट और नॉर्थ जिले के डीसीपी रहे। अगस्त 2001 में उनका आईबी में ट्रांसफर हो गया। 2001 से जून 2004 तक वह एफआरआरओ दिल्ली और 2004 से अगस्त 2006 तक आईबी में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर रहे। बाद में अंडमान एंड निकोबार के डीआईजी रहते हुए 2009 में फिर दिल्ली आ गए। यहां अडिश्नल सीपी लाइसेंसिंग से शुरू हुआ सफर जाइंट सीपी क्राइम, ईओडब्लू, सेंट्रल रेंज और ट्रैफिक से होता हुआ स्पेशल पुलिस कमिश्नर ट्रैफिक तक पहुंचा। 1 नवंबर 2016 से 12 मार्च 2018 तक वह अरुणाचल प्रदेश के डीजीपी रहे और 23 मार्च 2018 को फिर दिल्ली आने के बाद बुधवार तक स्पेशल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड आर्डर नॉर्थ जोन रहे है।

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