पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न से सम्मानित प्रणब मुखर्जी ने मतदाताओं की संख्या को देखते हुए संसद में सीटें बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि देश के सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक संस्थान को सही मायने में प्रतिनिधिवादी बनने की आवश्यकता है। मुखर्जी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 1977 से यह संख्या बढ़ाई नहीं गई है अपने संबोधन में मुखर्जी ने कहा, संसदीय व्यवस्था में प्रवेश करने वाली कुछ अन्य समस्याओं की ओर भी मैं आपका ध्यान इंगित करना चाहूंगा। बढ़ते मतदाताओं की संख्या के हिसाब से प्रतिनिधियों की संख्या न बढ़ पाना चिंता का कारण है। बता दें कि इस समय लोकसभा में 545 सीटें हैं। इनमें से 543 निर्वाचित सीटें हैं और दो सीटें राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए हैं। उन्होंने कहा, देश के सर्वाधिक लोकतांत्रिक संस्थान को ज्यादा प्रतिनिधित्व वाला बनाने के लिए जनसंख्या के अनुपात में संसद में सीटें बढ़ाने की जरूरत है। प्रणब मुखर्जी उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के भाषणों के संकलन को जारी करने के अवसर पर बोल रहे थे। उप राष्ट्रपति ने अपने भाषण में संसद और राज्यों में विधानसभाओं की कार्यवाही बाधित किए जाने के संबंध में चर्चा की ।