चंद्रयान-2 की अंतरिक्ष यात्रा की कामयाबी का सफर जारी है। बुधवार को इस यान ने और ऊंचाई प्राप्त कर ली है। इसरो ने बताया कि बुधवार को चंद्रयान-2 का पहला 'कक्षीय उत्थापन' किया गया यानी उसे और अधिक ऊंचाई पर पहुंचाया गया। शुक्रवार को चंद्रयान पृथ्वी की दूसरी कक्षा में पहुंच जाएगा। इसरो ने बताया कि यान को धरती की 170X45,475 किलोमीटर वाली अंडाकार कक्षा में स्थापित किए जाने के दो दिन बाद बुधवार दोपहर दो बजकर 52 मिनट पर 57 सेकंड की ‘फायरिंग’ अवधि के दौरान इस अभियान को अंजाम दिया गया। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि नई कक्षा अब 230X 45163 किलोमीटर की होगी। इसरो ने कहा कि दूसरा ‘कक्षीय उत्थापन’ अभियान को शुक्रवार रात लगभग एक बजे अंजाम दिया जाएगा। भारत ने सोमवार को देश के दूसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-2’ का श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया था। प्रक्षेपण के 16 मिनट बाद ‘बाहुबली’ कहे जाने वाले रॉकेट जीएसएलवी मार्क3 एम1 ने यान को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया था।
यान को चांद के नजदीक ले जाने के लिए अगले सप्ताहों में कई सिलसिलेवार ‘कक्षीय उत्थापन’ अभियानों को अंजाम दिया जाएगा और 7 सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में रोवर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराई जाएगी, जहां अब तक कोई देश नहीं पहुंचा है। यदि सब कुछ सही रहता है तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला चौथा देश बन जाएगा। चंद्रयान-2 के चांद पर उतरने की ऐतिहासिक घटना का नेशनल जियॉग्रफिक नेटवर्क इसरो परिसर से सीधा प्रसारण करेगा। चंद्रयान के लैंडर ‘विक्रम’ के आगामी 7 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने की उम्मीद है। लैंडर के उतरने के बाद इसके अंदर से ‘प्रज्ञान’ नाम का रोवर बाहर निकलेगा, जो कृत्रिम बुद्धिमता से संचालित छह पहिया वाहन है। भारत ने सोमवार को ‘चंद्रयान-2’ का सफल प्रक्षेपण किया था, जो अपने साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर लेकर गया है। नेशनल जियॉग्रफिक नेटवर्क ने कहा कि ‘चंद्रयान-2’ के चांद पर उतरने की ऐतिहासिक और रोमांचकारी घटना का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
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चंद्रयान-2 ने प्राप्त की ऊंचाई, 26 जुलाई को पृथ्वी की दूसरी कक्षा में करेगा प्रवेश