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मरचुरी में रखा दी थी लाश, गौर चौकी में हो रहा था हंगामा (२५पीआर०५जीडब्ल्यू) जिसकी हत्या के विरोध में हो रहा था प्रदर्शन वह जिंदा लौटा

 मरचुरी में रखा दी थी लाश, गौर चौकी में हो रहा था हंगामा (२५पीआर०५जीडब्ल्यू) जिसकी हत्या के विरोध में हो रहा था प्रदर्शन वह जिंदा लौटा

बरेला थाने की गौर पुलिस चौकी क्षेत्र अतंर्गत तिलहरी में रहने वाले एक १७ वर्षीय किशोर अनुराग चौधरी के साथ दो दिन पूर्व मकान के विवाद को लेकर कुछ महिलाओं ने मारपीट की थी, उसमें घायल हुये १७ वर्षीय किशोर को पहले विक्टोरिया अस्पताल में फिर कथित तौर पर मेडीकल की मरचुरी में लाश ले जाने की अजीबों-गरीब घटना से पुलिस हलाकान हो गई। उधर युवक की हत्या के विरोध में परिवारजनों ने पुलिस चौकी का घेराव कर दिया और मामला इतना तनावपूर्ण हो गया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर मामला संभालना पड़ा। प्रदर्शन के दबाव में पुलिस ने हत्या के मामलें में आनन-फानन में दो युवतियों को गिरफ्तार भी कर लिया था, जबकि ६ युवक फरार हो गये थे इसके बाद एक अजीबों-गरीब घटनाक्रम सामने आया। मरचुरी से जिंदा युवक आटो में बैठकर अपने घर आ गया। इसके बाद युवतियों को छोड़ा गया और फरार हुये लड़के फोन करने के बाद भी वापस नहीं आये। उन्हें लगा कि परिवारजनों से फोन लगवाकर पुलिस ने जाल बिछाया है। 
यह था मामला.........
बरेला थाना के गौर चौकी अतंर्गत तिलहरी में रहने वाले एक १७ वर्षीय युवक अनुराग चौधरी के साथ पड़ोस में रहने वाली कुछ महिलाओं और युवकों ने मारपीट की थी। मारपीट में आये चोटों के बाद युवक को विक्टोरिया अस्पताल मे भर्ती कराया गया था जहां मेडीकल में उसे रिफर कराया गया था। मेडीकल में उसकी कथित तौर पर मौत हो गई और उसके शरीर को मरचुरी में रखा गया। सुबह यह अफवाह तेजी से उड़ी कि अनुराग की मौत हो गई है तो उसके परिजनों व बस्ती वालों ने हंगामा करते हुये चौकी का घेराव शुरु कर दिया। हालत इतने बिगड़ गये कि वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर पहुंंचकर हालत संभालने पड़े। बताया गया है कि अनुराग की मां सविता चौधरी ने कुछ माह पूर्व तिलहरी स्थित नगर निगम के आवास के एक मकान एक महिला से किराये पर ले रखा था। लेकिन बीच में मकान मालिकन ने २० हजार रुपये लेकर यह मकान उसकेनाम परकरने की बात कही थी, लेकिन इसके बाद भी मकान उसके नाम नहीं किया गया। इसी बात को लेकर सविता और मकान मालिकन की लड़ाई हो गयी थी। बीच बचाव में अनुराग पहुंचा तो मकान मालिकन के परिजनों ने मिलकर उसकी पिटाई कर दी। 
आक्रोश, तोड़-फोड़ रोड बंद.............
सुबह ८ बजे अनुराग के मौत की अफवाह पैâलते ही बस्ती में आक्रोश पैâल गया। आक्रोशित लोगों ने चौकी के सामने तोड़फोड़ कर मार्ग पर जाम लगा दिया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। सैकड़ों लोग पुलिस चौकी पहुंच गये और हंगामा करने लगे। पुलिस ने अनुराग की मां और बहन को रोककर बाकी सबकों खदेड़ दिया। 
पुलिस फिर से जांच करने पहुुंची तो अनुराग जिंदा था.............
पुलिस उस वक्त हैरान रह गई जब इस मामलें को लेकर हंगामा हुआ पुलिस दोबाराजांच करने अस्पताल पहुंची,तो अनुराग वहां जिंदा था। और आटो में बैठकर घर आया जिसके बाद पुलिस ने उसको इलाज के लिये एक निजी अस्पताल मे भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस इस बात को लेकर हैरान है कि मेडीकल की लापरवाही के चलते उसे मृत घोषित कर उसे मरचुरी में वैâसे पहुंचा दिया? वहीं दूसरी और चर्चा यह भी है कि उसकी मौत की खबर मिलते ही उसकी जान की सलामती के लिये हजारों हाथ दुआयों के लिये उठ खड़े हुये थे। इसलिये वह जिंदा हो गया। 

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