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राजीव गांधी सरकार की गलती की सजा अभी भी भुगत रही मुस्लिम महिलाएं: नकवी तीन तलाक बिल पर लोकसभा में सत्ता और विपक्ष की जोरदार बहस

राजीव गांधी सरकार की गलती की सजा अभी भी भुगत रही मुस्लिम महिलाएं: नकवी तीन तलाक बिल पर लोकसभा में सत्ता और विपक्ष की जोरदार बहस

लोकसभा में तीन तलाक बिल पर जोरदार चर्चा देखने को मिल रही है। सदन में तीन तलाक बिल का पक्ष रखते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कुछ लोग जेल जाने के प्रावधान का विरोध कर रहे हैं, लेकिन ऐसा काम ही क्यों करें कि जेल काटनी पड़े। इसके पहले केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, मीनाक्षी लेखी और डीएमके की सांसद कनिमोझी ने अपना पक्ष रखा। शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए नकवी ने कहा कि उस दौर की सजा आज तक लोगों को भुगतनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि 1986 की खता की आज तक मुस्लिम महिलाओं को सजा मिल रही है।उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस सदन ने तीन तलाक बिल पास भी किया। लोकसभा चुनाव के चलते यह बिल फिर लाना पड़ा। यह देश इस बात का गवाह है कि सती प्रथा, बाल विवाह, विधवा विवाह पर रोक जैसी कुप्रथाओं को दूर किया है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक भी उसी तरह की कुप्रथा है, जो इस पर तर्क दे रहे हैं कि पति जेल चला जाएगा, तब घर कौन देखेगा। भाई ऐसा काम ही क्यों करो कि जेल जाना पड़ेगा। यह तो ऐसी बात हुई कि हमने कत्ल किया तो परिवार की देखभाल कौन करेगा। यह तर्क नहीं कुतर्क है। 

जनवरी 2017 से अबतक सामने आए 574 मामले
तीन तलाक बिल चर्चा की शुरुआत करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल के कई मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि एक साथ तीन तलाक पर रोक और सजा के लिए कानून जरूरी है। उन्होंने कहा कि 2017 में सुप्रीम कोर्ट के इस पर फैसला देने के बाद मुझे लगा था कि मामला सुलझेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रविशंकर प्रसाद ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को लेकर कहा, 'जनवरी 2017 से अब तक 574 इसतरह मामले सामने आए हैं। चर्चा के दौरान रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रसाद ने कहा कि निकाह के बाद महज 12 घंटे बाद एक शख्स ने पत्नी को तलाक दे दिया। वजह यह थी कि पत्नी तंबाकू वाला मंजन करती थी। मोबाइल ऑपरेटर अपनी पत्नी का अश्लील वीडियों बना रहा था, विरोध किया तो तलाक, तलाक, तलाक दे दिया। 

मीनाक्षी और अखिलेश के बीच में बहस 
तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी के पक्ष रखने के दौरान एक टिप्पणी पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश ने प्रतिक्रिया जनाना चाहा तो दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। लेखी ने कहा, 'निकाह निकाह न रहा, मजाक बन गया। तलाक, तलाक, तलाक और तलाक हो गया। कुछ करने की जरूरत नहीं। इस बीच एसपी प्रमुख अखिलेश ने बीच में टीका टिप्पणी की, जिस पर बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने भी कहा कि बीच में टोका-टोकी मत कीजिए, अच्छा संदेश नहीं जा रहा है।
अखिलेश की ओर से कई बार टोकने पर गुस्साई मीनाक्षी ने उन पर ही वार शुरू कर दिए। मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'अखिलेश ने अगर अपने कार्यकाल में यूपी के अंदर शरिया अदालतें बंद कर दी होतीं,तो वहां की महिलाओं के साथ अन्याय नहीं हुआ होता।महिलाओं से अन्याय का सबसे मुख्य कारण वे शरिया अदालतें हैं, जो इनके समय चलती रहीं। मुख्यमंत्री थे यह। किस तरह के मुख्यमंत्री थे यह? जो मुस्लिम महिलाओं के हकूकों को नहीं बचा सके।' इस बयान के बाद अखिलेश यादव आक्रोशित होकर फिर अपनी सीट से खड़े होकर विरोध जताना शुरु कर दिया। 

रविशंकर ने कहा क्या सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सिर्फ टांग लें
लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश होते ही इस पर बहस शुरू हो गई है। चर्चा की शुरुआत करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विरोधियों पर तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया, लेकिन क्या हम सिर्फ उस टांग लें। संविधान की दुहाई दी जाती है, उसका मकसद समानता देना है, लेकिन इस मसले में ऐसा क्यों नहीं सोचा जाता।

सपा सांसद का विवादित बयान बीवी को गोली मारने से बेहतर तलाक दे
तीन तलाक बिल को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन सदन से बाहर अनर्गल बयान देते हुए कहा है कि बीवी को गोली मारने से बेहतर तीन तलाक देकर रुखसत करना है। उन्होंने कहा, 'बीवी को गोली मारने से अच्छा है कि उस तलाक दे दें। किसी भी मजहब के निजी मामले में सरकार को दखल नहीं देना चाहिए। इस सिर्फ एक फिरका मानता है। एक साथ तीन तलाक को सभी लोग नहीं मानते और एक महीने का गैप रखा जाता है।' उन्होंने कहा, 'कभी-कभी इसतरह हालात होते हैं कि अलग होना ही रास्ता होता है तो गोली मारने से बेहतर है कि तीन तलाक देकर महिला को निकाल दिया जाए। एसटी हसन की तरह ही पीडीपी के सांसद नजीर अहमद का रुख था। उन्होंने कहा, 'मैं तीन तलाक बिल को लेकर विरोध में हूं। मैं मुस्लिम के नाते इसके खिलाफ हूं। सरकार को जो करना है करे,लेकिन हमें बर्दाश्त नहीं हैं।'
एसटी हसन सहित कई नेताओं की आपत्तियों को लेकर पूछे गए सवाल पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने राकेश सिन्हा ने कहा कि यह महिला विरोधी नजरिया है। उन्होंने कहा कि तीन साल सजा को लेकर सवाल उठाने वाले लोगों को यह सोचना चाहिए कि दहेज उत्पीड़न रोकथाम कानून के तहत 7 साल की सजा का प्रावधान है।वहीं कांग्रेस का कहना हैं तीन तलाक बिल पर मुसलमान से बात की जाएं। 

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