दुनिया की सबसे बड़ी ई-कामर्स कंपनी में शुमार अमेजॉन ने साल 2018 में 11 अरब डॉलर (78 हजार करोड़ रुपए) का मुनाफा कमाया। इसके बाद भी अमेजॉन ने अमेरिका में लगातार दूसरे साल कोई कॉर्पोरेट टैक्स नहीं चुकाया। 2017 में भी अमेजॉन ने 5.6 अरब डॉलर (39 हजार करोड़) का मुनाफा कमाने के बावजूद कोई टैक्स नहीं दिया था। अमेरिका के इंस्टीट्यूट ऑन टैक्सेशन एंड इकोनॉमिक पॉलिसी के अनुसार कई तरह की टैक्स छूट और अन्य लाभ दिए जाने की वजह से अमेजॉन को टैक्स नहीं चुकाना पड़ा। इसके अनुसार 2018 में ही अमेजॉन को 129 मिलियन डॉलर (920 करोड़ रुपए) की टैक्स छूट मिली है। वर्जीनिया और न्यूयॉर्क में हेडक्वार्टर खोलने के नाम पर भी अमेजॉन को छूट मिली है। हालांकि गुरुवार को कंपनी ने न्यूयॉर्क में हेडक्वार्टर खोलने का फैसला रद्द कर दिया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2017 में कॉर्पोरेट टैक्स 35 फीसदी से घटाकर 21 फीसदी कर दिया था। इसका फायदा भी अमेजॉन को मिला है।
अमेजॉन से जुड़ी जानकारी सामने आई है जब अमेजॉन प्रमुख जेफ बेजोस और अमेरिकी पत्रिका के बीच अनबन चल रही है। ट्रंप को समर्थन करने वाली इस पत्रिका ने कहा था कि वह बेजोस की नग्न तस्वीरों को प्रकाशित करेगी। पत्रिका ने बेजोस और पूर्व टीवी एंकर लॉरेन सांचेज के संबंधों का खुलासा किया था। बेजोस इसकी जांच करवा रहे थे कि पत्रिका को उनकी निजी तस्वीरें और मैसेज कैसे मिले। बेजोस ने लीक के पीछे ट्रंप या सऊदी अरब का हाथ होने की आशंका भी जाहिर की थी। हालांकि, पिछले दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि लॉरेन के भाई ने ही उनकी निजी तस्वीरें और मैसेज लीक किए थे। इन्स्टीट्यूट ऑन टैक्सेशन एंड इकोनॉमिक पॉलिसी ने कई ऐसी कंपनियों की पहचान की है जिन्होंने काफी कम टैक्स भरा है। गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने 2018 की पहली तीन तिमाही में 12.3 फीसदी का टैक्स भरा है। अमेजॉन ने कोई टैक्स ही नहीं भरा। एप्पल ने 2018 में 14 फीसदी टैक्स दिया है। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने पिछले आठ साल में कॉर्पोरेट टैक्स रेट की तुलना में आधी दर पर टैक्स जमा किया है। डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भी पिछले साल सिर्फ 12.9 फीसदी टैक्स दिया। नेटफ्लिक्स ने कोई टैक्स नहीं दिया।
इकॉनमी
अमेजॉन का मुनाफा दोगुना बढ़ा, लेकिन लगातार दूसरे साल नहीं दिया टैक्स