भारत में लंबे समय से वाहन उद्योग मंदी का सामना कर रहा है। इसके कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर में नौकरियों पर खतरा पैदा हो रहा है। कर्मचारियों की नौकरियां बचाने के लिए वाहनों के पुर्जे बनाने वाली कंपनियों के संगठन एक्मा (ऑटोमोबाइल कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) ने एकजुट होने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि अगर पूरे ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए जीएसटी 18 फीसदी कर दे तब नौकरियों को बचाया जा सकता है। बता दें कि वाहनों के पुर्जे बनाने वाली कंपनियों में लगभग 50 लाख लोग काम करते हैं। एक्मा के अध्यक्ष राम वेंकटरमानी ने कहा, वाहन उद्योग बड़ी मंदी का सामना करना पड़ रहा है। भारत में वाहनों की बिक्री में कुछ महीनों में बड़ी कमी आई है।' दरअसल कलपुर्जा उद्योग पूरी तरह से वाहनों पर निर्भर करता है। वाहनों की मांग में कमी आने की वजह से कॉम्पोनेंट्स की मांग भी कम हो गई है। वेंकटरमानी ने कहा कि वाहनों के 70 प्रतिशत कलपुर्जो पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि बाकी पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है। इसके साथ ही कुछ अन्य मानकों के आधार पर सेस भी देना होता है। उन्होंने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है और इस वजह से वाहनों का भविष्य साफ नजर नहीं आ रहा है। उनका कहना है कि वाहन क्षेत्र में निवेश कम हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर एक समान 18 फीसदी जीएसटी के दायरे में लाती है तो लोगों की नौकरियां बचाने में मदद मिलेगी।