प्राइवेट सेक्टर में स्थानीय लोगों को नौकरी देने के लिए जहां आंध्र प्रदेश सरकार ने 75 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का विधेयक पास किया है, वहीं उसके पड़ोसी राज्य तेलंगाना का ऐसा करने का कोई विचार नहीं है। हालांकि, राज्य की तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सरकार ने प्राइवेट सेक्टर से कहा है कि वह नौकरियों में स्थानीय लोगों को वरीयता दें। तेलंगाना में सरकारी नौकरियों में स्थानिय लोगों के लिए 95 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। टीआरएस के नेताओं का कहना है कि सरकार निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था लाने का कोई विचार नहीं कर रही है। पार्टी नेताओं के अनुसार इस कदम से उद्योग को नुकसान पहुंच सकता है और राज्य में निवेश का प्रवाह प्रभावित हो सकता है। हालांकि एक अलग तेलंगाना राज्य की मांग को टीआरएस ने पानी, संसाधन और नौकरियों के मुद्दे पर ही की थी। लेकिन पार्टी ने प्राइवेट उद्योग में स्थानिय लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं की। विश्लेषकों का मानना है कि प्राइवेट सेक्टर के उद्योगों में आरक्षण से संबंधित कोई भी बात या प्रस्ताव शहर में निवेशकों को नाराज कर देगी। सूचना प्रौद्योगिकी के हब के अलावा शहर को फार्मा, लाइफ साइंस, एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग के लिए भी जाना जाता है।