शरीर में ब्लैडर की वॉल के टिश्यूज संक्रमित होने से ब्लैडर कैंसर (मूत्राशय कैंसर) होता है। शुरुआत में ब्लैडर में खून के थक्के जमने आरंभ होते हैं। इसके आरंभिक लक्षणों में यूरीन के साथ खून निकलता है। इसका कारण ब्लैडर का संक्रमित होना है।
ब्लैडर में संक्रमण के कारण यूरीन के समय जलन और तेज दर्द होता है। अगर ये लंबे समय तक बना रहे या बार-बार हो तो सतर्क हो जाना चाहिए।
ये एक सामान्य लक्षण है जो कई अन्य बीमारियों में भी होता है। इसके अलावा बिना किसी वजह के तेजी से वजन कम हो रहा है जो इसे हल्के में ना लें। इसके साथ ही थोड़ा सा काम करके थक जाना और कमजोरी रहना भी इसके लक्षणों में शामिल है।
यूरीन के साथ सफेद टिश्यूज डिस्चार्ज होना और पेट के निचले हिस्से यानी पेल्विक रीजन में दर्द बने रहना।
इससे पीडि़त लोग अक्सर हड्डियों में लगातार दर्द रहने की शिकायत भी करते हैं।
अगर बार-बार यूरीन संक्रमण हो रहा हो तो भी ये इसका एक लक्षण हो सकता है।
इस बीमारी की जद में 60 साल से ज्यादा के लोग सबसे अधिक हैं। साथ ही, ऐसे लोग जिनका वजन ज्यादा होता है वे भी इसके खतरे में होते हैं। ज्यादा स्मोकिंग करने वाले और शराब का अत्यधिक सेवन करने वालों को ये होने का खतरा अधिक होता है।
ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें
ताजे फल और सब्जियों का सेवन इसमें फायदेमंद होता है। एक शोध के मुताबिक, फल-सब्जियों का सेवन करने वालों में मूत्राशय कैंसर होने का खतरा कम होता है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि जो लोग फल व सब्जियों का अधिक सेवन करते हैं। उनमें मूत्राशय कैंसर होने का खतरा कम होता है।
विटामिन्स से कम होता है खतरा
इस शोध में ब्लैडर कैंसर पीड़ितों को यह सुझाव दिया गया कि इसके खतरे को कम करने के लिए वह अपने आहार में विटामिन ए, सी और ई वाले आहार को शामिल करें।
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ब्लैडर कैंसर से करें बचाव