पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों को जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने कहा जो लोग जबरन धर्म-परिवर्तन कराने में लगे हुए हैं, उन्हें इस्लामिक इतिहास और कुरान की जानकारी नहीं है। इमरान खान ने कहा इस्लामिक इतिहास में दूसरों के जबरन धर्म परिवर्तन का कोई उदाहरण नहीं है। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वे इस्लाम के इतिहास के बारे में कुछ नहीं जानते। उन्हें धर्म, कुरान और सुन्ना के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में अक्सर अल्पसंख्यक हिंदू लड़कियों के अपहरण और फिर जबरन शादी कराकर उनका धर्म परिवर्तन कराए जाने की घटनाएं होती रहती हैं।
इस्लामाबाद में एवान-ए-सद्र में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इमरान ने यह बात कही। इमरान ने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद का जीवन 'फैसले के दिन तक के लिए इंतजार' करने का रोडमैप है। उन्होंने कहा पैगम्बर ने खुद अल्पसंख्यकों को धार्मिक आजादी दी थी और उनके धार्मिक स्थलों को सुरक्षा दी थी। क्योंकि कुरान आदेश देता है कि धर्म पर कोई दबाव नहीं होना चाहिए। इमरान ने पूछा फिर किसी को इस्लाम में जबरन परिवर्तन का काम हम खुद कैसे कर सकते हैं चाहे वह किसी गैर-मुस्लिम से शादी कर हो या फिर बंदूक की नोक पर, या सिर्फ इसलिए किसी की हत्या कर देना कि वह हमारे धर्म का नहीं है? उन्होंने कहा सभी चीजें गैर-इस्लामिक हैं। अल्लाह ने अपने दूतों को किसी पर अपने विश्वास को थोपने का अधिकार नहीं दिया, फिर हम कौन हैं ऐसा करने वाले?
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जबरन धर्म-परिवर्तन गैर-इस्लामिक, जोर-जबर्दस्ती की अनुमति नहीं देता कुरान : इमरान