पेरेंट्स को लगता है कि बच्चे एकदम सीधे-शांत हो तो इससे बड़ी नेमत कुछ नहीं लेकिन वे यहीं वे गलती पर हैं। बच्चा का हर उम्मीद पर खरा उतरना बताता है पेरेंटिंग में कोई समस्या है। हम आपसे शेयर कर रहे हैं कि अक्सर किन कारणों से बच्चा आदर्श बच्चा बनने की कोशिश करता है। वो अच्छा बच्चा इसलिए अच्छा नहीं है कि ये बच्चों का स्वभाव है। हो सकता है कि वो सिर्फ इसलिए अच्छा है क्योंकि उसे नहीं पता कि इसके अलावा क्या हुआ जा सकता है। ऐसे ढेरों मामले हैं, जिनमें बच्चा सिर्फ इसलिए अच्छा होने की कोशिश करता है क्योंकि पेरेंट्स दिनभर लड़ते-झगड़ते रहते हैं। खुद के सारे काम सही वक्त पर कर लेता है क्योंकि उसपर ध्यान देने के लिए कोई और नहीं है। हो सकता है कि पेरेंट्स दिनभर बिजी रहते हैं और अच्छा बनकर बच्चे उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हों। बच्चा किसी प्रेरणा के अभाव में भी जो आप कहें, वो मान लेता है। यानी उसे थोड़ा खुलने की जरूरत है। बचपन खो जाने के लॉन्ग टर्म साइड इफैक्ट्स हैं। अतिरिक्त सीधा और ओबिडिएंट होना बच्चे के अच्छे होने का लक्षण नहीं, बल्कि इससे ये पता चलता है कि कहीं न कहीं कोई समस्या है, चाहे आपमें या फिर बच्चे के एकदम निजी सर्कल में। उससे बात कर समस्या की तह तक पहुंचने की कोशिश करें। उसे आश्वस्त करें कि आप हमेशा उसके साथ हैं।