एथलेटिक्स विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों ने कहा है कि धाविका हिमा दास को विश्व चैम्पियनशिप और ओलंपिक जैसी प्रतियोगिताओं में सफल होने के लिये उसे अधिक प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट खेलने होंगे। इससे उसे हालात के अनुसार ढ़लने और कठिन प्रतियोगियों की ताकत का अंदाजा होगा। इस प्रकार वह आने वाली स्पर्धाओं के लिए अपने को तैयार करने के साथ ही अपनी कमजोरियों को दूर कर पायेगी। इससे उसके प्रदर्शन में निरंतरता भी आयेगी। बड़ी प्रतियोगिताओं में भाग लेने से हिमा का कौशल बढ़ने के साथ ही उसका स्तर भी बेहतर होगा। इसके साथ ही वह बेहतर समय भी निकाल सकेंगी। हाल के दिनों में शानदार प्रदर्शन के बाद भी ओलंपिक में जीत दर्ज करने के लिए उसे और बेहतर समय निकालना होगा। इस महीने पांच स्वर्ण जीतने वाली हिमा ने साल की अपनी पहली 200 मीटर प्रतिस्पर्धी दौड़ में 23.65 सेकेंड के समय के साथ दो जुलाई को पोलैंड में पोजनान एथलेटिक्स स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने सात जुलाई को पोलैंड में ही कुत्नो एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 23 .97 सेकेंड के साथ 200 मीटर में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद चेक गणराज्य में 13 जुलाई को क्लादनो एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हिमा ने 23 . 43 सेकेंड से स्वर्ण पदक जीता जबकि 17 जुलाई को उन्होंने इसी देश में ताबोर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण जीता।