बैंकर उदय कोटक ने अधिक कर को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच कहा कि जोखिम भरी पूंजी पर ऊंचा कर लिए जाने पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊंचे कर के चलते सरकार किसी व्यक्ति की कमाई का 60 प्रतिशत तक ले लेती है। कई दिग्गज उद्योगपतियों की ओर से आर्थिक परिदृश्य में नरमी को लेकर सार्वजनिक तौर पर बात किए जाने के बीच कोटक ने नीति निर्माताओं से वृद्धि के लिए बाजार में बड़े पैमाने पर नकदी उपलब्ध कराने का आग्रह किया। कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक ने कमजोर बिक्री से जूझ रहे वाहन उद्योग को वृद्धि के रास्ते पर ले जाने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया। कोटक ने सीएफए इंस्टीट्यूट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मेरा स्पष्ट तौर पर मानना है कि जोखिम वाली पूंजी के लिए पूरी कर व्यवस्था पर फिर से गौर किए जाने की जरूरत है। अधिकतर कंपनियां 35.8 प्रतिशत कॉरपोरेट कर के रूप में, अन्य 21 प्रतिशत लाभांश वितरण कर और 10 लाख से अधिक का लाभांश होने की स्थिति में दस प्रतिशत कर चुकाती हैं। कोटक ने कहा कि जोखिम पूंजी पर करीब 60 प्रतिशत कर लिया जाता है। यह बहुत अधिक दर है।