धारा 370 पर केंद्र के फैसले को शीर्ष अदालत में में शेहला रशीद चुनौती देंगी। केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया। यह अनुच्छेद जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देता है। प्रस्ताव के अनुसार, जम्मू और कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया जाएगा। इसमें जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, वहीं लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा। केंद्र के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है। शाह फैसल की पार्टी से जुड़ीं शेहला रशीद ने कहा कि हम इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। सरकार को गवर्नर मान लेने और संविधान सभा की जगह विधानसभा को रखने का फैसला संविधान के साथ धोखा है। सभी प्रगतिशील ताकतें एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगी। हम दिल्ली और बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इधर संसद में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सांसदों- नजीर अहमद लवाय और मीर मोहम्मद फैयाज ने संविधान की प्रतियां फाड़कर अपना विरोध जाहिर किया। जिसके बाद सभापति ने उन्हें सदन से जाने का आदेश दे दिया। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती ने संविधान की धारा 370 को खत्म करने के मोदी सरकार के फैसले को 'भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन' बताया। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, "1947 में दो राष्ट्र के सिद्धांत खारिज करने और भारत के साथ मिलाने के जम्मू और कश्मीर नेतृत्व के फैसले का उल्टा असर हुआ। धारा 370 को भंग करने के लिए भारत सरकार का एकतरफा निर्णय गैरकानूनी और असंवैधानिक है।"
उन्होंने कहा, उपमहाद्वीप के लिए इसके विनाशकारी परिणाम होंगे। भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं। वे लोगों को आतंकित कर जम्मू और कश्मीर का क्षेत्र चाहते हैं। कश्मीर से किए वादे निभाने में भारत नाकाम रहा है।
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370 पर केंद्र के फैसले को सुको में चुनौती देंगी शेहला रशीद