टीम इंडिया के नये कोच का फैसला पूर्व कप्तान कपिल देव की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय समिति ही करेगी। इससे पहले बीसीसीआई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने कपिल की समिति पर लगे हितों के टकराव के सभी आरोपों को खारिज कर दिया। इस दौरान एक सदस्य डायना इडुल्जी ने विरोध जताया था पर सीओए ने कहा कि इसमें कहीं भी हितों के टकराव का मामला नहीं बनता है। इसके साथ ही इनके द्वारा भारतीय पुरुष टीम के कोच की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया। इडुल्जी की राय समिति के अध्यक्ष विनोद राय और एक अन्य सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) रवि थोडगे से अलग थी। सीओए की बैठक के बाद इडुल्जी ने कहा, ‘‘यह फैसला (मेरे खिलाफ) 2-1 से था। मैंने कहा कि इसे नैतिक मामलों के अधिकारी डीके जैन के पास भेजा जाना चाहिए जिससे कि हितों के टकराव पर फैसला हो सके। तदर्थ समिति संविधान में नहीं है। इस तरह मैंने विरोध जताया।’’ वहीं बीसीसीआई भी इडुल्जी से सहमत नहीं था।
कपिल देव की अगुआई वाली समिति के दो अन्य सदस्य अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी हैं। इस समिति ने महिला कोच का भी चयन किया था तब भी इडुल्जी ने समिति के गठन और डब्ल्यूवी रमन की नियुक्ति को गैरकानूनी बताते हुए इसका विरोध किया था। सूत्रों ने पता चला है कि इडुल्जी ने सीओए की इससे पहले हुई बैठक में भी कपिल की अध्यक्षता में सीएसी के गठन का विरोध किया था और वह चाहती थीं कि चुनाव तक निवर्तमान कोच रवि शास्त्री अपने पद पर बने रहें। इडुल्जी ने कहा, ‘‘यह फैसला करना सीओए के अधिकार क्षेत्र में नहीं है कि कौन हितों के टकराव के दायरे में है और कौन नहीं। यह काम आचरण अधिकारी को करना है। मैं अपने पहले वाले रुख पर कायम हूं (जब रमन की नियुक्ति की गई थी)। तदर्थ समिति कोच नहीं चुन सकती। यह संविधान में नहीं है।’’
वहीं बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बीसीसीआई के चुनावों तक रवि शास्त्री को पद पर बरकरार रखने का लगातार समर्थन करने के लिए इडुल्जी पर आरोप लगाए।
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कपिल की समिति ही करेगी टीम इंडिया के नये कोच का फैसला : सीओए हितों के टकराव का मामला खारिज