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पाक के पास कश्मीर पर बोलने का कोई हक नहीं, आजाद किया जाए कराचीः नदीम नुसरत

पाक के पास कश्मीर पर बोलने का कोई हक नहीं, आजाद किया जाए कराचीः नदीम नुसरत

 जम्मू-कश्मीर में भारत सरकार द्वारा धारा 370 के खत्म करने फैसले का स्वागत अमेरिका में स्थित प्रवासी मोहाजिरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने किया है। सोमवार को उन्होंने भारत के फैसले का समर्थन करते हुए पाकिस्तान से कराची को आजाद करने के लिए कहा। उन्होंने कराची को जल्द स्वायत्त ग्रेटर बनाने की मांग उठाई। उनका यह ब्यान भारत द्वारा कश्मीर से विशेष दर्जा लेने वाले विधेयक को राज्यसभा में पेश करने के बाद प्रतिक्रिया स्वरूप आया है। समूह उन सभी जातीय संस्थाओं और क्षेत्रों के लिए पूर्ण स्वायत्तता चाहता है जो पाकिस्तान के क्षेत्र का हिस्सा हैं। मोहाजिर नेता और वॉइस ऑफ कराची के अध्यक्ष नदीम नुसरत ने कहा कि पाकिस्तान के पास कश्मीरियों की तरफ से बोलने का कोई नैतिक आधार नहीं है यदि वह खुद अपने नागरिकों को उन अधिकारों से वंचित कर रहा है। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान जब तक अपने मोहाजिर, बलोच, पश्तूनों और हजरा नागरिकों को समान अधिकार नहीं दे देता है तब तक उसे कश्मीरियों की तरफ से बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।' भारत ने जैसे ही कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिया वैसे ही पाकिस्तान तिलमिला उठा और उसके विदेश मंत्रालय ने इस कदम की निंदा की और इसे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तान अवैध कदमों का मुकाबला करने के लिए सभी संभावित विकल्पों का प्रयोग करेगा। वहीं भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को पाक विदेश सचिव ने समन भेजा है। ये समन राज्यसभा में पारित हुए अनुच्छेद 370 को खत्म करने फैसले को लेकर भेजा गया है।
नदीम नुसरत जो अमेरिका में खुद निर्वासित हैं उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास किसी भी क्षेत्रीय या अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीरियों के मामले को उठाने का कोई नैतिक आधार नहीं है यदि वह अपने नागरिकों को उनके मौलिक मानवाधिकारों से वंचित कर रहा है। उन्होंने पूछा, 'पाकिस्तान कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की मांग करता है। क्या वह खुद अपने असंतुष्ट जातीय अल्पसंख्यकों को यही अधिकार देने के लिए तैयार है?' उन्होंने कहा, 'दशकों से पाकिस्तानी मंत्री सार्वजनिक रूप से कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के साथ विदेशों में बैठकें करते रहे हैं। फिर पाकिस्तान कैसे निर्वासित मोहाजिर, बलोच और अन्य सताए हुए जातीय या धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधियों के साथ भारतीय मंत्रियों की बैठकों पर प्रतिक्रिया दे सकता है?' नुसरत ने दावा किया कि पाकिस्तान के पुनर्गठन की मांग के प्रयासों को तेज करने के लिए जल्द ही एक वैश्विक अभियान शुरू किया जाएगा।

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