भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी एयरटेल की कमान विदेशी कंपनियों के हाथ जा सकती है। सिंगापुर की बड़ी टेलीकॉम कंपनी सिंगटेल एयरटेल में 50 हिस्सेदारी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इस हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए एयरटेल ने सरकार से अनुमति मांगी है। दरअसल एयरटेल ने अपने कर्ज का बोझ कम करने के लिए सिंगटेल से करार किया है। सिंगटेल की एयरटेल में पहले से ही 41 फीसदी हिस्सेदारी है। जबकि एयरटेल में कुल विदेशी हिस्सेदारी 43 फीसदी है। ऐसे में थोड़ा भी निवेश बढ़ेगा तो एयरटेल कंपनी विदेशी मालिकाना हक वाली कंपनी बन जाएगी। बीएसई को दी गई जानकारी के मुताबिक भारती एयरटेल में सबसे ज्यादा 41 फीसदी हिस्सेदारी भारती टेलीकॉम की है। वहीं भारती टेलीकॉम में सुनील मित्तल और उनके परिवार की हिस्सेदारी 52 फीसदी है। प्रस्तावित निवेश के बाद भारती टेलीकॉम में नियंत्रण सिंगटेल के हाथो पहुंच जाएगा। मौजूदा समय में जो भारती टेलीकॉम की हिस्सेदारी 41 फीसदी है, वो विदेशी हो जाएगी। ऐसे में एयरटेल में कुल विदेशी निवेश तकरीबन 85 फीसदी हो जाएगा। एयरटेल ने 100 फीसदी विदेश निवेश की मंजूरी के लिए आवेदन किया है। कंपनी ने कहा है कि भारती एयरटेल विदेशी निवेश को लेकर सभी नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि किसी भी टेलीकॉम कंपनी को विदेशी निवेश 50 फीसदी से अधिक पहुंचाने के लिए मंजूरी लेनी होती है।