देशविरोधी कामों में लगे व्यक्ति को आतंकी घोषित करने और उसकी संपत्ति को जब्त करने से संबंधित गैर कानूनी गतिविधियां (बचाव) संशोधन विधेयक पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को दस्तखत कर दिए। इसी के साथ अब यह विधेयक अब कानून बन गया है। इस कानून के तहत एक बार किसी के आतंकी घोषित होने पर उसकी यात्रा पर भी पाबंदी रहेगी। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, इस कानून के तहत घोषित होने वाले पहले दो आतंकी मोस्टवांटेड लश्कर-ए-ताइबा का आतंकी हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर होंगे। राष्ट्रपति ने देर रात को इस कानून पर अपनी मुहर लगाई। लोकसभा ने इसे 24 जुलाई और राज्यसभा ने 2 अगस्त को पारित किया था।
सीधे संपत्ति जब्त करने का हक
इस कानून में संशोधन से अब एनआईए के महानिदेशक को आतंक को बढ़ावा देने वाली संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल गया है। इससे पहले एनआईए को संबंधित राज्य के पुलिस प्रमुख से किसी आतंकी से जुड़ी संपत्ति जब्त करने के लिए अनुमति लेनी पड़ती थी। ऐसे में आतंकियों से संबंधित अलग-अलग राज्यों में मौजूद ऐसी संपत्तियों की जब्ती में देरी होती थी।
अब इंस्पेक्टर को भी जांच का हक
यूएपीए की धारा 43 के तहत अभी तक डीएसपी रैंक और उससे ऊपर के अफसरों को ही ऐसे मामलों में जांच का अधिकार था। लेकिन संशोधन के बाद अब इंस्पेक्टर रैंक के अफसर भी जांच कर सकेंगे। माना जा रहा है कि वक्त के साथ ही इंस्पेक्टर रैंक के अफसरों को यूएपीए से संबंधित मामलों की जांच में कुशलता आ जाएगी तो ऐसे मामलों में इंसाफ जल्द मिल सकेगा। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इस विधेयक से किसी संगठन को आतंकी संगठन घोषित किया जा सकेगा और साथ ही उसे चलाने वाले आका को भी आतंकी घोषित हो सकेंगे।
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हाफिज और मसूद होंगे आतंकी घोषित