टीबी (ट्यूबरकोलॉसिस) एक गंभीर संक्रामक बीमारी है। इसके बैक्टीरिया आसानी से सामने वाले व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकता है। आम सर्दी या फ्लू की तरह इसका बैक्टीरिया खांसने, छींकने या बात करने के दौरान हवा में फैलता है। यदि टीबी से प्रभावित व्यक्ति के पास ज्यादा समय तक रहा जाए तो बैक्टीरिया बॉडी को इंफेक्ट करते हुए स्वस्थ्य व्यक्ति को भी अपनी चपेट में ले लेगा। टीबी का बैक्टीरिया एकदम से शरीर को इंफेक्ट नहीं कर सकता। जब हेल्दी व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के ज्यादा देर तक नजदीक रहता है तभी यह शरीर पर अटैक कर पाता है। यही वजह है परिवार के लोग, दोस्त और ऑफिस में साथ काम करने वाले लोगों के संक्रमित व्यक्ति से टीबी के बैक्टीरिया के संपर्क में आने की ज्यादा आशंका होती है। बच्चों के भी टीबी की चपेट में आने का रिस्क काफी ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि छोटी उम्र में इम्यून सिस्टम उतना स्ट्रॉन्ग नहीं होता, जितना बड़ों का होता है। ऐसे में बैक्टीरिया उन्हें ज्यादा जल्दी चपेट में ले लेता है। अगर व्यक्ति ने ऐसे इलाके में ट्रैवल किया है जहां टीबी के कई मरीज हों तो उसके इस बीमारी से संक्रमित होने के चांस बढ़ जाते हैं। मेडिकल फील्ड में काम करने वालों के भी इस बीमारी की चपेट में आने के रिस्क ज्यादा होते हैं। उन्हें टीबी से प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए उनके आसपास रहना पड़ता है, जरा सी लापरवाही बैक्टीरिया को उनके शरीर में प्रवेश करने का मौका दे सकती है। वे लोग जो एचआईवी से पीड़ित हैं वे भी टीबी के बैक्टीरिया के आसान शिकार होते हैं। एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिससे उसके शरीर को बीमारियों से लड़ने में परेशानी होती है। यही वजह है कि ऐसे व्यक्ति टीबी के भी जल्दी चपेट में आ जाते हैं। ऐसे व्यक्ति जो कुपोषण के शिकार हैं उन्हें भी टीबी होने का खतरा ज्यादा रहता है। शरीर को पूरा पोषण नहीं मिलने से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है जो उसे बैक्टीरिया के प्रति कमजोर बना देता है। शराब और सिगरेट ज्यादा पीने वाले लोगों के भी टीबी से प्रभावित होने के चांस ज्यादा रहते हैं।
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परिवार, दोस्त और सहयोगी के संपर्क से हो सकती है टीबी -ज्यादा देर तक नजदीकी से हो सकता है अटैक